रांची: इटकी थाना क्षेत्र के सौका गांव में पुलिस व पीएलएफआइ के बीच 18 जुलाई को मुठभेड़ में दोनों ओर से दर्जनों राउंड फायरिंग हुई. इस मुठभेड़ में पीएलएफआइ का जोनल कमांडर जेठा कच्छप बाल-बाल बच गया और अंधेरे का लाभ उठा कर फरार हो गया.
इस दौरान पुलिस ने चार देसी राइफल व बंदूक, 22 कारतूस, चार डेटोनेटर, एक खोखा, पीएलएफआइ के छह पंपलेट, रसीद, विद्या विहार स्कूल की रसीद, प्लास्टिक की चटाई व तिरपाल आदि बरामद किये हैं. मुठभेड़ का नेतृत्व ग्रामीण एसपी सुरेंद्र कुमार झा व एएसपी (अभियान) हर्षपाल सिंह कर रहे थे.
मीटिंग करनेवाले थे उग्रवादी
ग्रामीण एसपी ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि एसएसपी को गुप्त सूचना मिली थी कि सौका के नीचे टोली जंगल में पीएलएफआइ उग्रवादी जेठा कच्छप, शमशाद उर्फ मौलवी, मंगल व उनके 10-12 साथी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए मीटिंग करनेवाले हैं. इसी सूचना पर ग्रामीण एसपी के नेतृत्व में ऑपरेशन स्मॉल एक्शन टीम कांसेप्ट के तहत कार्रवाई की गयी. इसमें एएसपी हर्षपाल सिंह, उपाधीक्षक क्रिस्टोफर केरकेट्टा, क्विक एक्शन टीम व इटकी थाना प्रभारी आशुतोष प्रताप नारायण शामिल थे. पीएलएफआइ के सदस्यों ने सौका केदली जानेवाली सड़क पर पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, लेकिन पुलिस को भारी पड़ता देख उग्रवादी भाग निकले. भागने के क्रम में उनके हथियार व अन्य सामान छूट गये. ग्रामीण एसपी ने बताया कि जहां जेठा कच्छप मीटिंग करनेवाला था, वह उसका गढ़ है.
बच गये तो हर काम कर लेंगे
पुलिस को मुठभेड़ के बाद की रिकॉर्डिग मिली है. उसमें पीएलएफआइ के सदस्य व जेठा कच्छप आपस में बात कर रहे थे.रिकॉर्डिग के अनुसार उसमें कहा जा रहा था कि यदि पुलिस भारी पर रही है, तो भागने में भलाई है. बच गये, तो बाद में हर काम करे लेंगे.
जंगल में अभी भी हैं हथियार
एएसपी (अभियान) हर्षपाल सिंह ने कहा कि इस मुठभेड़ के बाद ग्रामीण काफी दहशत में हैं. वे लोग कुछ भी बताना नहीं चाह रहे हैं. पुलिस को ग्रामीण सूत्रों ने बताया कि अभी भी जंगल में पीएलएफआइ ने गुप्त स्थानों पर कई हथियार छुपा रखे हैं.