– झाविमो-कांग्रेस में गंठबंधन की सुगबुगाहट
– विधानसभा चुनाव में कई दलों के लिए गंठबंधन है मजबूरी
रांची : विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड में राजनीतिक दलों के बीच गंठजोड़ का नया प्लॉट तैयार हो सकता है. पार्टियों के बीच बनते-बिगड़ते रिश्ते के बीच गंठबंधन की नयी कहानी लिखने की कोशिश हो रही है. विधानसभा चुनाव में नैया पार करने के लिए गंठबंधन बनाने के लिए पार्टियां बेताब हैं. वर्ष 2009 में विधानसभा चुनाव साथ लड़ने वाली कांग्रेस-झाविमो के बीच गंठबंधन को लेकर सुगबुगाहट है.
सूचना के मुताबिक झाविमो की ओर से भी हाथ बढ़ाया गया है. झाविमो के एक पूर्व सांसद ने कांग्रेस के आला नेताओं के साथ बात की है. कांग्रेस के कई आला नेता भी झाविमो के साथ गंठबंधन को लेकर फिर से मन बना रहे हैं.
वहीं झाविमो दूसरे पत्ते भी खोल सकता है. भाजपा के साथ भी नजदीकी बढ़ाने की कोशिश हो रही है. राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि भाजपा पूरे झाविमो के विलय के लिए दबाव बना रही है, लेकिन राजनीति में यह दूर की कौड़ी है.
आजसू, राजद जैसी पार्टियां भी तलाश रही हैं ठौर
आजसू, राजद जैसी पार्टियां भी विधानसभा चुनाव में बेड़ा पार करने के लिए गंठबंधन की तलाश में हैं. कांग्रेस-झामुमो का गंठबंधन जारी रहा, तो राजद उसमें जगह बनाने की भरपूर कोशिश करेगा. वहीं आजसू भाजपा के साथ गंठबंधन के लिए बेताब है.
छोटे दलों के साथ भी होगा गंठजोड़
विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, बंधु तिर्की और एनोस एक्का की पार्टी के साथ भी गंठजोड़ को हो सकता है. बड़े दल के लिए भी चुनाव में इनकी अहमियत होगी.