रांची: सरेंडर पॉलिसी के तहत 12 नक्सलियों अथवा उनके परिजनों को दी जानेवाली शेष राशि व शिक्षण शुल्क का भुगतान गुरुवार को ड्राफ्ट के माध्यम से किया गया. यह भुगतान समाहरणालय स्थित उपायुक्त कार्यालय में डीसी की उपस्थिति में हुआ.
जेल में रहने के कारण चार नक्सलियों की पत्नी को ड्राफ्ट सौंपा गया. भुगतान के दौरान उपायुक्त कार्यालय में एसएसपी प्रभात कुमार भी उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि और 28 नक्सली पुलिस के संपर्क में हैं. वे शीघ्र सरेंडर करेंगे.
जिन्हें भुगतान किया गया: मार्शल टूटी की पत्नी को शिक्षण शुल्क 24,000 रुपये, संजय प्रमाणिक की पत्नी सुखमणी देवी को 7200 रुपये, रमेश प्रमाणिक की पत्नी सावित्री देवी को 50 हजार रुपये, त्रिलोचन सिंह मुंडा को शिक्षण शुल्क 19,200 रुपये, हरिपदो सिंह मुंडा को सरेंडर पॉलिसी व शिक्षण शुल्क कुल राशि 1,08,400 रुपये, सुखराम सिंह मुंडा को एक लाख रुपये, अजरुन मिरधा को सरेंडर पॉलिसी के तहत एक लाख व शिक्षण शुल्क के 14,400 कुल 1,14,400 रुपये, रेशमी देवी उर्फ रेशमी महली को सरेंडर पॉलिसी के तहत शेष राशि एक लाख रुपये, गीता गंझू को 50,000 रुपये, रोहित मुंडा को एक लाख रुपये, निशांतदा उर्फ दीपक उर्फ टेपा को एक लाख रुपये, सुखराम लोहरा को सरेंडर पॉलिसी की शेष राशि एक लाख व शिक्षण शुल्क 19,200 कुल 1,19,200 रुपये का भुगतान किया गया.
रांची में दी जायेगी जमीन: एसएसपी
एसएसपी प्रभात कुमार ने कहा कि पुनर्वास के लिए नक्सलियों के परिजनों को रांची के आसपास जमीन दी जायेगी. उन्हें डिसमिल जमीन दी जायेगी. जमीन अलग-अलग स्थानों पर दी जायेगी, ताकि नक्सली उन पर हमला नहीं कर सके.
छह माह से नहीं मिली राशि
तमाड़ के डुंगरडीह निवासी नक्सली संजय प्रमाणिक की पत्नी सुखमनी देवी ने बताया कि छह माह से उन्हें सरकार की ओर से मिलनेवाली राशि का भुगतान नहीं हुआ है. उन्हें हर माह तीन हजार रुपये का भुगतान होता है, जबकि सरेंडर पॉलिसी के तहत पांच हजार रुपये हर माह भुगतान होना चाहिए.
अभाव में केस नहीं लड़ पायी
नक्सली रमेश प्रमाणिक की पत्नी सावित्री देवी ने कहा कि धन के अभाव में वह केस नहीं लड़ पा रही थी. घर में कमानेवाला कोई नहीं है. वर्तमान में रमेश प्रमाणिक खूंटी जेल में है. अब रुपये मिले हैं, तो केस लड़ने में आसानी होगी. उसने कहा कि आर्थिक स्थिति में सुधार होगी. घर परिवार ठीक से चलेगा
कुंदन के दस्ते में थे
सुखमनी ने बताया कि वह और उसके पति संजय प्रमाणिक कुंदन पाहन के दस्ते में थे. उनलोगों ने वर्ष 2011 में सरेंडर किया था. सरेंडर पॉलिसी के तहत उन्हें तीन लाख रुपये मिले थे. घर से बाहर रहने के कारण सारी राशि खत्म हो गयी. वर्तमान में संजय प्रमाणिक खूंटी जेल में है. उन्हें माली हालत सुधारने की जरूरत है.