रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के अधीन संचालित रांची वेटनरी कॉलेज में इस बार भी विद्यार्थियों का एडमिशन नहीं हो पायेगा. वेटनरी काउंसिल ऑफ इंडिया (वीसीआइ) ने एडमिशन लेने पर रोक लगा रखी है. पिछले साल (वर्ष 2013) में भी इस कॉलेज में एडमिशन नहीं हो पाया था. झारखंड राज्य संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर्षद की प्रतियोगिता परीक्षा में सफल विद्यार्थियों का इस कॉलेज में एडमिशन होता था. पर्षद का परिणाम आ गया है. काउंसलिंग भी शुरू होनेवाली है. लेकिन, इस बार वेटनरी में स्नातक के लिए काउंसलिंग नहीं होगी.
40 सीटों पर होना था नामांकन
रांची वेटनरी कॉलेज में हर साल 40 सीटों पर स्नातक में नामांकन होता था. लगातार दो साल से यहां नामांकन नहीं हो रहा है. अब तक 80 सीटें खाली रह गयी हैं.
मात्र 23 शिक्षक, अस्पताल जजर्र
रांची वेटनरी कॉलेज में अभी मात्र 23 शिक्षक ही हैं. राज्य में शिक्षकों का कुल स्वीकृत पद 89 है. कई विभागों में एक भी शिक्षक नहीं है. 40 विद्यार्थियों के नामांकन के लिए इतना पद स्वीकृत हुआ है. कॉलेज में न्यूट्रिशन (पशु पोषण) विभाग में एक भी शिक्षक नहीं हैं. अस्पताल की स्थिति भी काफी जजर्र है. पशुओं का आना कम हो गया है. मेडिसिन और सजर्री में किसी वरीय शिक्षक के नहीं होने के कारण गायनोकोलॉजी विभाग के डॉ एमपी सिन्हा को यहां का अध्यक्ष बनाया गया है.
अंडरटेकिंग देने से इनकार
एडमिशन की अनुमति देने के लिए आग्रह करने पर वेटनरी काउंसिल ऑफ इंडिया ने राज्य सरकार या बिरसा कृषि विश्वविद्यालय से अंडरटेकिंग मांगी थी. कहा गया था कि यह लिखकर दें कि शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. प्रक्रिया पूरी नहीं होने पर वीसीआइ मान्यता नहीं देगा. सरकार और बीएयू ने भी अंडरटेकिंग देने से मना किया था.
क्या कहते हैं अधिकारी
विश्वविद्यालय और कॉलेज से कई बार नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया गया. शिक्षकों ने राजभवन से इस मामले को जल्द सुलझाने का आग्रह भी किया था, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गयी है. जल्द ही इस दिशा में कोई निर्णय नहीं लिया गया तो, वेटनरी कॉलेज का भविष्य संकट में होगा.
आरएल प्रसाद, डीन (प्रभारी), रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय