बोध गया और पटना सीरियल ब्लास्ट में शामिल थे चारों
मेदिनीनगर से आतंकी नुमान व तौफीक पकड़ाये
रांची से हैदर अली व मुजिबुल्ला गिरफ्तार
पटना विस्फोट मामले की गुत्थी सुलझी, एनआइए का दावा
रांची/मेदिनीनगर/दिल्ली : नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) के अधिकारियों ने रांची और मेदिनीनगर से चार आतंकियों को गिरफ्तार किया है. सभी इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) के हैं. रांची में कांटाटोली बस स्टैंड के पास से आतंकी हैदर अली और मुजिबुल्ला को पकड़ा गया है. मेदिनीनगर से आतंकी नुमान अंसारी और तौफीक अंसारी को गिरफ्तार किया गया है.
दोनों बारालोटा स्थित शंकर लॉज में नाम बदल कर रहते थे. गिरफ्तार आतंकियों के पास से पुलिस आतंकी साहित्य, पेन ड्राइव, मोबाइल, कई राज्यों ( दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश,असम,पश्चिम बंगाल व बिहार) के रोड मैप और फरजी आइ कार्ड बरामद किये गये हैं. इन चारों आतंकियों पर पिछले साल नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान पटना में सीरियल ब्लास्ट करने का आरोप है. दोनों पर बोध गया सीरियल ब्लास्ट में भी शामिल होने का आरोप है. हैदर अली और मुजिबुल्ला की तलाश रांची के हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र स्थित इरम लॉज से मिले विस्फोटक के मामले में भी थी.
चारों की गिरफ्तारी के बाद एनआइए ने पटना ब्लास्ट की गुत्थी सुलझाने का दावा किया है. एनआइए के अनुसार, नरेंद्र मोदी को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची गयी थी. एनआइए के अधिकारियों के अनुसार गिरफ्तार सभी आतंकी पूर्व में सिम्मी से जुड़े थे. आतंकियों से पूछताछ में सिम्मी और इंडियन मुजाहिदीन के बीच लिंक होने की भी पुष्टि हुई है.
चार रैलियों की टोह लीथी
चारों की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली में एनआइए के महानिदेशक शरद कुमार ने बताया : इन आतंकियों की साजिश नरेंद्र मोदी को नुकसान पहुंचाने की थी. पटना विस्फोट मामले में इससे पहले गिरफ्तार आतंकियों ने कहा था कि उन्होंने अकबरपुर, कानपुर, दिल्ली और पटना में नरेंद्र मोदी की रैलियों की टोह ली थी. वह रैलियों में यह देखने गये थे कि मोदी के पास तक कैसे पहुंचा जाये. उन्होंने कहा : आतंकियों ने पटना रैली में एक बम तो मोदी के लिए बने मंच से मात्र 100 मीटर दूर रखा था.
पूछताछ में क्या-क्या हुआ खुलासा
– अकबरपुर, कानपुर, दिल्ली और पटना में नरेंद्र मोदी की रैलियों की टोह ली थी आतंकियों ने
– रैली में नरेंद्र मोदी तक पहुंचने के लिए रास्ता तलाश रहे थे आतंकी
– सिम्मी और इंडियन मुजाहिदीन के बीच लिंक
– गिरफ्तार आतंकियों ने बताया कि बिहार, झारखंड और यूपी के कई स्थान आइएम निशाने पर हैं
– कई महत्वपूर्ण लोगों को भी संगठन ने निशाने पर रखा है
– झारखंड, यूपी और बिहार में आतंकियों के नये कैडर तैयार करने भी योजना है
– इस काम के लिए सीठियो के कुछ युवकों को संगठन से जोड़ा गया था
हवाला के जरिये हैदर विदेश से जुटाता था पैसा
एनआइए के अधिकारियों के अनुसार, आइएम में तहसीन और वकास के बाद हैदर का स्थान था. वह संगठन में नये लोगों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी करता था. नये युवकों को संगठन से जोड़ने का काम भी वही करता था. एनआइए के अधिकारियों के अनुसार हैदर अली पटना और बोध गया सीरियल ब्लास्ट का किंगपन था. बताया जाता है कि हैदर अली के विदेशी आतंकियों के साथ भी लिंक थे. वहां से वह हवाला के जरिये पैसे मंगाता था.
‘‘पटना ब्लास्ट के बाद आतंकवादी रायपुर, दुमका, पलामू, धनबाद व रांची में नाम बदल- बदल कर रह रहे थे. आतंकियों के पास से बरामद सामान से इनकी योजना के बारे जानकारी एकत्र की जा रही है. यह भी पता लगाया जा रहा है कि आतंकियों के काम करने का तरीका क्या है.
अनुराग गुप्ता
आइजी प्रवक्ता, झारखंड पुलिस
कैसे हुई गिरफ्तारी
एनआइए के अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार की रात करीब एक बजे सूचना मिली थी कि आतंकी हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी और मुजिबुल्ला कांटाटोली स्थित बस स्टैंड पहुंचे हैं. दोनों किसी बस में सवार होकर बाहर जानेवाले हैं. सूचना के बाद एनआइए के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस की मदद से बस स्टैंड में छापेमारी की.
जहां से दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में दोनों ने बताया कि आतंकी नुमान और तौफीक मेदिनीनगर में हैं. बुधवार तड़के एनआइए की टीम मेदिनीनगर पहुंची. यहां बारालोटा के शंकर लॉज से दोनों को गिरफ्तार किया.
क्या-क्या मिला
आतंकी साहित्य, पेन ड्राइव, मोबाइल, कई राज्यों (दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश,असम,पश्चिम बंगाल व बिहार) के रोड मैप और फरजी आइ कार्ड
नाम बदल कर रुके थे मेदिनीनगर में
मेदिनीनगर : आतंकी तौफीक अंसारी और नुमान अंसारी मेदिनीनगर के बारालोटा स्थित शंकर लॉज में नाम बदल कर रहते थे. दोनों अलग-अलग कमरे में रहते थे. यह लॉज बबन तिवारी का है. पूछताछ के दौरान बबन तिवारी ने पुलिस को बताया कि दोनों 15 दिन पहले ही आये थे.
एक दो मई को, दूसरा पांच मई को आया था. उन लोगों ने अपना नाम चंदन कुमार और रवींद्र राय बताया था. दोनों ने कहा था कि वे जीएलए कॉलेज में पढ़ते हैं, मूल रूप से भवनाथपुर के पटवारी गांव के रहनेवाले हैं. इसी आधार पर दोनों को 575 रुपये किराये पर कमरा दिया था. पलामू के एसपी वाइएस रमेश ने बताया : स्थानीय सहयोग की जांच : पुलिस को सूचना थी कि दो आतंकी पलामू में शरण लिये हैं. इसी आधार पर बुधवार की सुबह चार बजे एनआइए की टीम के साथ कार्रवाई कर दोनों को पकड़ा गया. दोनों ने स्वीकार किया है कि वे पटना और बोध गया ब्लास्ट में शामिल थे.
उन्होंने कहा : इस बात की जांच चल रही है कि दोनों को स्थानीय स्तर पर किसने सहयोग किया. अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, रांची से हैदर ने दोनों के लिए कमरा खोजा था. पर कमरा कौन दिलवाया, इसकी जांच चल रही है. उन्होंने कहा : आइएम ने पलामू को सेफ जोन के रूप में चिह्न्ति कर कार्य करने की योजना बनायी थी. इसकी सूचना पुलिस को मिली थी. नुमान और तौफीक ने स्वीकार किया है कि हैदर और मुजिबुल्लाह मेदिनीनगर में रुके थे. 20 मई को दोनों रांची के लिए निकले थे.