रांची: राज्य के 6,525 प्राथमिक, मध्य व उच्च विद्यालयों में बच्चों की पढ़ाई एक शिक्षक के भरोसे चल रही है. इन विद्यालयों में कक्षा एक से दस तक की पढ़ाई होती है. एक शिक्षक ही सभी वर्ग के बच्चों को पढ़ाते हैं.
प्राथमिक व मध्य विद्यालय के अलावा मिडिल स्कूल से हाइस्कूल में अपग्रेड किये गये कई उच्च विद्यालयों में भी एक ही शिक्षक हैं. स्कूलों को मध्य विद्यालय से उच्च विद्यालय में अपग्रेड तो कर दिया गया, पर इसमें शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गयी. अपग्रेड उच्च विद्यालयों में एक शिक्षक के भरोसे ही गणित, विज्ञान, संस्कृत, हिंदी, सामाजिक विज्ञान व अंगरेजी की पढ़ाई होती है. इन विद्यालयों से विद्यार्थी मैट्रिक परीक्षा में शामिल होते हैं. इनमें से कई विद्यालय तो ऐसे हैं, जो पारा शिक्षकों के भरोसे हैं. एक ओर राज्य में ऐसे विद्यालय हैं जहां विद्यार्थी तो अधिक हैं, पर शिक्षक नहीं है. वहीं दूसरी ओर शहरी क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षक बहुत हैं, पर विद्यार्थी कम है.
629 विद्यार्थी के लिए एक शिक्षक
राज्य में 62 ऐसे स्कूल हैं, जिनमें से 200 से अधिक विद्यार्थी है, पर एक शिक्षक हैं. अपग्रेड उच्च विद्यालय पंचकटिया में कुल 629 विद्यार्थी है, पर मात्र एक शिक्षक है. एक शिक्षक के भरोसे संचालित दो विद्यालयों में 500 से अधिक, सात विद्यालयों में 400 से अधिक और 12 विद्यालयों में 300 से अधिक विद्यार्थी हैं. इन विद्यालयों में पठन-पाठन से भी बड़ी चुनौती स्कूल का संचालन करना है.
राज्य गठन के बाद 11,500 शिक्षकों की नियुक्ति हुई
राज्य के प्राथमिक, मध्य व उच्च विद्यालयों में शिक्षकों के लगभग 50 हजार पद रिक्त हैं. प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में राज्य गठन के बाद लगभग 11,500 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. जबकि उच्च विद्यालय में 1600 शिक्षकों नियुक्ति हुई है. 1232 अपग्रेड उच्च विद्यालय में एक भी शिक्षक नहीं है. इन विद्यालयों को मध्य विद्यालय से उच्च विद्यालय में अपग्रेड किया गया था. बिना शिक्षक के ही इन विद्यालयों में मैट्रिक तक की पढ़ाई हो रही है.
वर्ष 2004 व 2008 में हुई थी शिक्षकों की नियुक्ति
राज्य में प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में अब तक दो बार शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. पिछली नियुक्ति वर्ष 2008 में हुई थी. प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षकों के लगभग 25 हजार पद रिक्त हैं. वर्ष 2004 में लगभग दस हजार व 2008 में 491 शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. वर्ष 2011 में नियुक्ति के लिए परीक्षा हुई, पर प्रक्रिया नियम के अनुरूप नहीं होने के कारण इसे रद्द कर दिया गया.