एसीबी के अधिकारियों के अनुसार धनबाद, देवघर सहित अन्य अन्य जिलों में केबल-मीटर घोटाले में करोड़ों की गड़बड़ी की बात सामने आयी थी. इस मामले में एसीबी ने सरकार के निर्देश पर प्रारंभिक मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. जांच के दौरान एसीबी के अधिकारियों को पता चला कि इस घोटाले में कुछ इंजीनियर और विभाग के अधिकारी शामिल हो सकते हैं.
इस बिंदु पर भी जांच शुरू की गयी थी. बाद में जांच के दौरान कुछ आरोपियों की ओर से एसीबी को न्यायालय की एक जजमेंट की प्रति दिखाकर जांच बंद करने का अनुरोध किया गया था. तर्क दिया गया था कि एसीबी मामले में जांच के बाद न्यायालय में क्लोजर रिपोर्ट सौंप चुकी है. इसलिए एक ही मामले की दो बार जांच नहीं हो सकती है. लेकिन एसीबी के अधिकारियों ने मामले से जुड़ी फाइल की समीक्षा के बाद पाया कि सीबीआइ ने एक जिला से जुड़े मामले की जांच के बाद न्यायालय में क्लोजर रिपोर्ट सौंपी थी. लेकिन दूसरे जिलों से संबंधित मामले की जांच कर रही है. इसलिए एसीबी मामले में जांच बंद नहीं कर सकती है.