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आजीवन कारावास की सजा काट रहा सुवेश मंडल हाइकोर्ट से बरी

रांची : झारखंड हाइकोर्ट की विशेष खंडपीठ में अवकाश के दिन शनिवार को वर्षों से लंबित क्रिमिनल अपील याचिकाअों पर सुनवाई हुई. चार विशेष खंडपीठों द्वारा वर्षों से लंबित आठ क्रिमिनल अपील याचिकाअों पर सुनवाई के बाद उसे निष्पादित कर दिया गया. एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने […]

रांची : झारखंड हाइकोर्ट की विशेष खंडपीठ में अवकाश के दिन शनिवार को वर्षों से लंबित क्रिमिनल अपील याचिकाअों पर सुनवाई हुई. चार विशेष खंडपीठों द्वारा वर्षों से लंबित आठ क्रिमिनल अपील याचिकाअों पर सुनवाई के बाद उसे निष्पादित कर दिया गया.

एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे प्रार्थी सुवेश मंडल को बाइज्जत बरी करने का फैसला सुनाया. संबंधित सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने अपील याचिका स्वीकार कर ली. साथ ही निचली अदालत द्वारा सुनाये गये आजीवन कारावास संबंधी आदेश को निरस्त कर दिया.


इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से वरीय अधिवक्ता पीसी त्रिपाठी ने पक्ष रखा. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि इस मामले में तीन चश्मदीद गवाह हैं, जो विश्वसनीय नहीं हैं. यह उनकी गवाही से साबित हो जाता है. चश्मदीद प्रदीप मंडल का कहना था कि उसके जांघ में गोली लगी है, लेकिन चिकित्सकों ने जांच में गोली लगने का सबूत नहीं पाया. उसी प्रकार सूचक लखी मंडल की माैत हो गयी थी. उसकी पत्नी ने चश्मदीद के रूप में गवाही दी. क्रॉस एग्जामिनेशन में उसे चश्मदीद गवाह मानने का कोई सबूत नहीं मिला. बहस के दाैरान वरीय अधिवक्ता श्री त्रिपाठी का सहयोग अधिवक्ता मंजूला उपाध्याय, अधिवक्ता नाजिया व अधिवक्ता खुशबू नेे किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सुवेश मंडल ने क्रिमिनल अपील याचिका दायर कर राजमहल के एडीजे के 15 मई 2012 के आजीवन कारावास की सजा को चुनाैती दी थी. अदालत ने सुवेश मंडल को साहेबगंज के टपुआ गांव निवासी प्रकाश मंडल की हत्या का दोषी पाया था.

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