मामले में एफएसएल की रिपोर्ट अानी बाकी है. इसके बाद यह स्पष्ट हो पायेगा कि बच्ची को कोई नशीला पदार्थ दिया गया था या नहीं. सिटी एसपी ने बताया कि बच्ची का बयान काफी विरोधाभाषी है. बच्ची सबसे पहले एक ढाबे वाले को मिली थी. जिसे बच्ची ने बताया कि वह खेलते हुए भटक गयी है. उक्त ढाबे वाले ने बच्ची को मनेर ढाबा के पास पहुंचा दिया था.
ज्ञात हो कि गत शनिवार की रात विद्यानगर निवासी 13 वर्षीय नाबालिग मनेर ढाबा के पास से मिली थी. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने उसे बरामद कर लिया था. बच्ची ने पुलिस को बताया था कि उसका कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया था. उसे बेहोशी का इंजेक्शन देकर एक अनजान जगह पर ले गये थे. जब उसे होश आया तो, खुद को एक कमरे में पाया. वहां दो अन्य बच्चियां भी थी. गिरोह द्वारा पहले से कमरे में मौजूद एक बच्ची का किडनी निकाले जाने के बारे बच्ची ने पुलिस को जानकारी दी थी. बच्ची ने यह भी बताया कि जब वह होश में आयी, तब दोनों बच्ची के अलावा कमरे में कोई मौजूद नहीं था, इसलिए वह किसी तरह बच कर भागने में सफल रही.