नयी दिल्ली : कोरोना वायरस के अंधकार के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर रविवार की रात 9 बजे 9 मिनट तक देशवासियों ने लाइटें बंद कर दीया, मोमबत्ती, टॉर्च और फोन की फ्लैश लाइट जला कर से उम्मीद की रोशनी से देश को जगमग किया. इस दौरान लोगों ने लॉकडाउन के नियम का पूरी तरह से पालन किया. सोशल डिस्टेंसिंग के तहत घरों की दहलीज और बालकोनी से दीये जलाये. प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संकट पर अपने तीसरे संबोधन में शुक्रवार को कहा था कि हमें पांच अप्रैल को अपनी महाशक्ति का जागरण करना है, ताकि लॉकडाउन के दौरान घरों में मौजूद लोग खुद को अकेला महसूस नहीं करें.
इस बीच देश में कोरोना से जंग जारी है़ कुल संक्रमितों की संख्या 3374 हो गयी है. 79 लोगों की मौत हुई है. हालांकि, दो दिनों में आये 472 नये मामले से चिंता बढ़ गयी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश के 274 जिले प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि यदि निजामुद्दीन का धार्मिक समागम नहीं होता, तो संक्रमितों की संख्या काफी कम रहती.
संक्रमण के मामले दोगुना होने में औसत समय 7.4 दिन लगता, जबकि इस घटना से मरीजों की संख्या दोगुना होने में 4.1 दिन का ही औसत समय लगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में अब तक106 लोगों की मौत हुई है, जबकि संक्रमण के मामले बढ़ कर 3,624 हो गये हैं. मुंबई में पूरे देश में सबसे ज्यादा 433 लोग संक्रमित हैं.