वैशाली : नये साल 2017 के स्वागत के लिए सज-धज कर वैशाली तैयार है. यहां के सभी विदेशी मंदिरों के साथ-साथ सभी होटलों को दुल्हन की तरह सजाया गया है. ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों पर नये साल को यादगार बनाने के लिए हजारों लोगों के पहुंचने की उम्मीद है. सुंदर-सा दिखने वाला अभिषेक पुष्करणी, इसकी दायीं तरफ विश्व को शांति का संदेश देने वाला विश्व शांति स्तूप, बायीं तरफ वैशाली विश्राम गृह व म्यूजियम पूरब दक्षिण छोर पर जापानी मंदिर, उत्तर पूरब के छोर पर श्रीलंका व थाई मंदिर एवं पोखर की चारों तरफ पक्की सड़क एक ऐसी प्राकृतिक छटा बिखेर रही है कि लोग बरबस खींचे चले आते हैं.
सूर्य की लालिमा जब खिलती है, तो वैशाली के अभिषेक पुष्करणी पर एक ऐसी छटा दिखती है कि पलक रुके भी नहीं रुकती है और शायद यही कारण है कि वैशाली की इस पावन भूमि पर हर साल पहली जनवरी को क्या बच्चा, क्या बूढ़ा, क्या जवान, युवा, युवती लाखों की संख्या में पहुचते हैं. वैसे तो शनिवार को भी अलविदा 2016 मनाने वाले लोगों और पर्यटकों की संख्या काफी रही. जैसे-जैसे शाम ढलती रही अलविदा 2016 और हैप्पी न्यू इयर 2017 का जश्न मनाने युवाओं की भीड़ बढ़ती जा रही थी.
वैशाली भ्रमण पर प्रतिदिन देशी, विदेशी पर्यटक आते रहते हैं. मगर नये साल के अवसर पर यहां के एेतिहासिक राजा विशाल का गढ़, शांति स्तूप, रैलिक स्तूप, वैशाली का संग्रहालय, भगवान महावीर की जन्मस्थली, अशोक स्तभ, धार्मिक स्थल चौमुखी महादेव, वियतनाम मंदिर, श्रीलंका मंदिर, थाई मंदिर, जापानी मंदिर आदि कई ऐसे दर्शनीय स्थल हैं.