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वायर हेड टूटने से मंडल रेल प्रबंधक व डीसीएम फंसे

तीन घंटे तक ट्रेन खुलने का इंतजार करते रहे डीआरम व सीनियर डीसीएम हाजीपुर : नयागांव और परमानंदपुर के बीच ट्रैक्शन फेल हो गया. इससे सोनपुर मंडल के डीआरएम और सीनियर डीसीएम को हाजीपुर स्टेशन पर लगभग तीन घंटों तक बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में बैठ कर रह जाना पड़ा. इससे कई ट्रेनों का आवागमन […]

तीन घंटे तक ट्रेन खुलने का इंतजार करते रहे डीआरम व सीनियर डीसीएम
हाजीपुर : नयागांव और परमानंदपुर के बीच ट्रैक्शन फेल हो गया. इससे सोनपुर मंडल के डीआरएम और सीनियर डीसीएम को हाजीपुर स्टेशन पर लगभग तीन घंटों तक बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में बैठ कर रह जाना पड़ा. इससे कई ट्रेनों का आवागमन बाधित हुआ. मामला शुक्रवार की सुबह आठ बजे की है. यह घटना उस समय हुई, जब ओएचइ वायर अचानक टूट गया. इससे ट्रैक्शन फेल हो गया.
इस कारण रूट पर चलनेवाली सभी ट्रेनें कई घंटे तक बाधित रहीं. हाजीपुर स्टेशन पर बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट ट्रेन से मंडल के डीआरम मनोज कुमार और सीनियर डीसीएम दिलीप कुमार औचक निरीक्षण के लिए मुजफ्फरपुर जा रहे थे. ट्रैक्शन फेल होने के कारण उन्हें ट्रेन में ही तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा. ट्रैक्शन फेल होने से ट्रेन में बैठे यात्रियों को भी काफी इंतजार करना पड़ा. काफी देर तक ट्रेन के रुके होने से यात्री आक्रोशित हो गये. आक्रोशित यात्री ट्रेन से उतर कर प्लेटफाॅर्म पर हंगामा करने लगे. उन्हें जीआरपी थाना प्रभारी मनोज सिन्हा और आरपीएफ थानाप्रभारी महेंद्र कुमार ने अपनी टीम के साथ मिल कर समझा-बुझा कर शांत कराया.
ट्रैक्शन फेल होने से कई और ट्रेनों का स्टेशन पर आवागमन बाधित हो रहा था. प्लेटफाॅर्म पर इंतजार कर रहे यात्रियों को परेशान देख रेलवे पुलिस और स्टेशन मास्टर कई टीटीइ की मदद से यात्रियों समझा कर शांत कर रहे थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए यात्री भी शांत हो गये : काफी इंतजार के बाद जब वायर में बिजली नहीं आयी, तो डीआरम मनोज अग्रवाल ट्रेन से उतर कर सड़क मार्ग से सोनपुर के लिए प्रस्थान कर गये. वहीं, सीनियर डीसीएम दिलीप कुमार ट्रेन खुलने पर निरीक्षण के लिए मुजफ्फरपुर की चले गये.
सुबह आठ बज कर 20 मिनट पर खुलने वाली बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस तीन घंटे के बाद लगभग 11 बज कर 18 मिनट पर खुली.
कैसे चलेगी बुलेट ट्रेन : वहीं, परेशान यात्रियों में इस बात को लेकर रोष दिखा. वे कह रहे थे कि बुलेट ट्रेन और सुपर फास्ट मैग्लेव टेक्नोलॉजी की बात करने वाले रेल प्रशासन को एक ट्रैक्शन फेल ‘ओएचइ वायर’ को सुधारने में 3-3 घंटे लग जाता है. ऐसे हालात में बुलेट ट्रेन और सुपर मैग्लेव टेक्नोलॉजी तो अभी एक सपना ही लगता है. सबसे पहले प्रशासनिक व्यवस्था के अंतर्गत वर्तमान में चल रहीं ट्रेनों को समय पर चलना होना चाहिए. यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखना होना चाहिए.
पैसेंजर ट्रेनें अक्सर रहती हैं लेट-लतीफ : इन दिनों शहर और आसपास से रोजी-रोजगार के लिए पटना से आने वाले युवक और महिलाएं काफी परेशान हैं. परेशानी का कारण लोकल ट्रेन का लेट से चलना है.
शाम को अपना काम खत्म कर घर जानेवाले लोगों को हाजीपुर जंक्शन पर काफी इंतजार करना पड़ रहा है. ट्रेन नंबर 55042, गोरखपुर पैसेंजर, जिसका नियमित समय शाम 4:35 है, जो रोजाना डेढ़-दो घंटे लेट से आती है. दूसरी ओर, ट्रेन नंबर 75215, बरौनी – पाटलिपुत्र डीएमयू, जिसका नियमित समय 5:45 है, रोजाना दो-दो घंटे लेट से चल रही है. यात्रियों की परेशानी का आलम यह है कि सुबह 10 बजे अपने कार्यालय पहुचने के लिए आठ बजे घर से निकलते हैं और रात्रि 10 बजे अपने घर वापस पहुचते हैं. इन पैसेंजर ट्रेनों में सफर करने वाले कई यात्रियों ने बताया की पटना जानेवाली ट्रेन के खुलने से उन्हें बहुत खुशी हुई थी. लेकिन, पैसेंजर ट्रेनों का अपने समय से लेट चलना हमारे लिए काफी परेशानी का कारण बन रहा है.
मंडल और रेल प्रशासन को यात्रियों की इस समस्या का जल्द हल निकलना चाहिए. कई यात्री अब ट्रेनों के बजाय अपने दोपहिया वाहन इस्तेमाल करने लगे हैं.

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