22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आधुनिक तरीके से धान की रोपनी से पैदावार अधिक

राजापाकर : कृषि के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहा है. किसान नयी तकनीक से कृषि कार्य कर रहे हैं. हाइब्रीड बीज का उपयोग कर अच्छी पैदावार प्राप्त कर रहे हैं. बुधवार को प्रखंड के बखरी बड़ाई गांव में दो एकड़ खेत में पैडी ट्रांस प्लांटर से प्रगतिशील किसान लक्ष्मण राय के खेत में धान […]

राजापाकर : कृषि के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहा है. किसान नयी तकनीक से कृषि कार्य कर रहे हैं. हाइब्रीड बीज का उपयोग कर अच्छी पैदावार प्राप्त कर रहे हैं. बुधवार को प्रखंड के बखरी बड़ाई गांव में दो एकड़ खेत में पैडी ट्रांस प्लांटर से प्रगतिशील किसान लक्ष्मण राय के खेत में धान की बुआई की गयी.

नयी तकनीक से बुआई देखने के लिए काफी संख्या में किसान जुटे. किसान हरिवंश नारायण सिंह ने बताया कि मजदूरों की कमी तथा बढ़ती मजदूरी से हर किसान धान की खेती में आर्थिक परेशानी झेल रहा है. धान की खेती में अधिक लागत आने किसान चिंतित हैं. उस परिप्रेक्ष्य में कृषि यंत्र की सहायता लेकर कम लागत में किसान ज्यादा उपज प्राप्त कर रहे हैं.

धान बुआई से पहले कैसे करें खेतों की तैयारी : धान के खेत में पहले पानी पटाकर जुताई या कदवा कर दिया जाता है. पानी सूखने के बाद इस पैंडी ट्रांस प्लांटर से धान की बुआई की जाती है. इसमें मजदूरों की जरूरत नहीं पड़ती है. कम खर्च के कारण किसान इस विधि को अपनाने लगे हैं. इस विधि से समय की भी बचत होती है. सरकार 2.37 लाख की इस मशीन की खरीद पर किसानों काे एक लाख की सब्सिडी देती है.
कैसे करें बिचड़ा तैयार : खेत की जुताई कर मिट्टी को हल्का करें. इसके बाद जमीन को सतह से ऊंचा कर सवा मीटर चौड़ा और 20 मीटर लंबा बेड बनायें. बेड पर पतली पन्नी छिद्र कर बिछा देते हैं. फिर उस पर 120 सेमी चौड़ा फ्रेम लगा देते हैं. फ्रेम में चाली गयी मिट्टी बिछा देते हैं. फ्रेम की मोटाई आधा इंच होती है. इसके बाद पाटा से मिट्टी को बराबर कर देते हैं. तब जाकर बेड तैयार हो जाता है. इससे पहले पानी में फूलने के लिए बीज को 12 घंटे छोड़ते हैं.
बारह घंटे बाद पानी से धान बीज को छानते हैं. छाने हुए धान पर वेवेस्टीन को 20 ग्राम प्रति किलो के हिसाब से मिलाते हैं. फिर उस बीज को चट्टी के बोरे में ढंक कर छोड़ देते हैं, बीज में अंकुरण आ जाने के बाद बेड पर बीज को बिछा देते हैं और फुहारा से पानी देते हैं. ताकि बीच मिट्टी से सट जाये. पहली बार हल्का फुहारा फिर थोड़ा अधिक इसी तरह चार-पांच बार फुहारा देते हैं. इसके बाद बेड के चारों तरफ जाली में पानी भर देते हैं. धूप अधिक होने की स्थिति में बेड पर भी एक इंच पानी चढ़ा देते हैं. इस विधि से 15-20 दिन में बिचड़ा तैयार होकर रोपने योग्य हो जाता है.
आकर्षण का केंद्र बनी पैडी ट्रांस प्लांटर विधि : राजापाकर के बखरी बड़ाई में किसानों में नयी तकनीकी से बुआई का तरीका जानने के लिए खास उत्साह देखा गया. इस मौके पर कृषि समन्वयक मनोरंजन कुमार, उपेंद्र कुमार, किसान सलाहकारों में गोपाल कुमार सिंह, विनोद कुमार, धनेश्वर राय, देवेंद्र प्रसाद सिंह, धर्मेंद्र कुमार सिंह, लक्ष्मण राय, हरिवंश नारायण सिंह समेत दर्जनों लोग शामिल थे. बुआई कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ नरेंद्र कुमार के नेतृत्व में हुआ.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें