हाजीपुर : पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के बाद पिछले तीन दिनों से आतंकियों व सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ जारी है. इस आतंकी हमले के बाद पूरे देश अलर्ट की स्थिति है. ऐसे में पूरे देश में रेलवे स्टेशन, पर्यटक स्थल व अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर विशेष चौकसी बरती जा रही है.
लेकिन देश में और आतंकी हमलों के अलर्ट के बावजूद न तो हाजीपुर रेलवे स्टेशन पर चौकसी की मुकम्मल व्यवस्था देखने को मिल रही है और न ही ऐतिहासिक व धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण वैशाली में. एक ओर जहां हाजीपुर स्टेशन पर रेल पुलिस की लुंज-पुंज व्यवस्था देखने को मिल रही है, वहीं वैशाली शांति स्तूप से लेकर यहां स्थित विभिन्न पर्यटन स्थलों व विभिन्न धार्मिक मतावलंबियों के मंदिरों की . हालांकि रेल पुलिस आतंकी हमले के मद्देनजर ट्रेन से लेकर हाजीपुर जंकशन परिसर में विशेष चौकसी बरतने का दावा जरूर कर रही है.
हाजीपुर स्टेशन पर नहीं दिख रही चौकसी : एक ओर जहां पठानकोट एयरबेस पर पिछले तीन दिनों से सुरक्षा बल के जवान आतंकियों से लड़ रहे हैं और देश के कई हिस्सों में आतंकी हमले की आशंका जतायी जा रही है, वैसी हालात में हाजीपुर जंकशन पर रेल पुलिस की लुंज-पुंज सुरक्षा व्यवस्था कई सवालिया निशान खड़े कर रही है. हालांकि रेल पुलिस इतना दावा जरूर कर रही है कि उनकी पैनी नजर यहां आने-जाने वाले हर व्यक्ति और संदिग्ध गतिविधियों पर है. साथ ही टिकट काउंटर, पूछताछ काउंटर से लेकर पूरे सर्कुलेटिंग एरिया में विशेष चौकसी बरती जा रही है. संदिग्ध लोगों व लावारिस सामान की जांच की जा रही है.
प्लेटफॉर्म पर आनेवाले यात्रियों व उनके सामान की मेटल डिटेक्टर से जांच की जा रही है. लेकिन सोमवार की दोपहर हाजीपुर रेलवे जंकशन पर इस तरह की कोई खास व्यवस्था देखने को नहीं मिली. न तो प्लेटफॉर्म के प्रवेश द्वार पर कोई सुरक्षाकर्मी तैनात था और न ही सर्कुलेटिंग एरिया में. हाजीपुर रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा की व्यवस्था रेल पुलिस के दावों पर सवालिया निशान लगा रही थी.
पर्यटन व धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है ऐतिहासिक वैशाली : भगवान महावीर की जन्मभूमि व भगवान बुद्ध की कर्मभूमि और पूरे विश्व को शांति, अहिंसा व लोकतंत्र का संदेश देने वाली वैशाली की धरती अपने ऐतिहासिक, धार्मिक व पौराणिक महत्व के लिए पूरे विश्व में चर्चित है. भगवान महावीर की जन्मस्थली व भगवान बुद्ध की कर्मस्थली होने के कारण यह क्षेत्र जैन व बौद्ध धर्मावलंबियों के आस्था का प्रमुख केंद्र है. यहां कई देशों के मंदिर भी हैं.
इसके अलावा यहां सालों भर देशी-विदेशी पर्यटकों का तांता लगा रहता है. वर्ष 2013 में बौद्ध धर्मावलंबियों के आस्था के प्रमुख केंद्र में बोधगया में हुए आतंकी हमले के बाद वैशाली के प्रमुख पर्यटन व धार्मिक स्थलों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. कुछ दिनों तक तो सैप व जिला पुलिस के जवानों की कड़ी जांच से गुजरने के बाद ही लोगों को पर्यटन केंद्रों व धार्मिक स्थलों में प्रवेश की अनुमति दी जाती थी.
इसके अलावा मेटल डिटेक्टर से जांच की भी व्यवस्था की गयी थी. यहां आने वाले हर देशी-विदेशी पर्यटकों का रिकॉर्ड यहां के विभिन्न होटल संचालकों को स्थानीय पुलिस को उपलब्ध कराने का सख्त निर्देश दिया गया था, लेकिन गुजरते समय के साथ यहां की गयी सारी सुरक्षा व्यवस्था भी गुजरे जमाने की बात हो गयी. सुरक्षा के नाम पर यहां बस खानापूर्ति ही की जा रही है.
तीन सैप जवानों के भरोसे हैं वैशाली के धरोहर : विश्व को लोकतंत्र, शांति व अहिंसा का संदेश देने वाली वैशाली की धरती, भगवान महावीर की जन्मभूमि व भगवान गौतम बुद्ध की कर्मभूमि वैशाली पूरे विश्व में अपने ऐतिहासिक, धार्मिक व पौराणिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. कई कालखंडों के इतिहास और धरोहरों को अपने दामन में समेटे वैशाली के पर्यटन स्थलों का एक तो उतना विकास नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था. ऊपर से जो हैं, वहां भी सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं. यहां के पर्यटन व धार्मिक स्थलों पर सालों पर देशी-विदेशी सैलानियों का तांता लगा रहता है. लेकिन सुरक्षा के नाम पर यहां मात्र सैप के तीन जवान ही तैनात हैं. वे भी सिर्फ विश्व शांति स्तूप के बाहर.
बौद्ध व जैन धर्मावलंबियों के आस्था का है प्रमुख केंद्र : बोधगया के बाद वैशाली बौद्ध धर्मावलंबियों की आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र है. इसके अलावा तीर्थंकर भगवान महावीर की कर्मभूमि होने की वजह से जैन धर्मावलंबियों की आस्था का भी यह महत्वपूर्ण केंद्र है. यहां रैलिक स्तूप, पुरातत्व संग्रहालय, राजा विशाल का गढ़, अभिषेक पुष्करिणी, चौमुखी महादेव मंदिर, वियतनाम, श्रीलंका, थाई, कंबोडिया, जापान आदि देशों के मंदिर के अलावा कई धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल हैं, जहां सालों भर देशी-विदेशी सैलानी घूमने और पूजा-पाठ करने आते हैं.
बोधगया हमले के बाद बढ़ायी गयी थी सुरक्षा : वर्ष 2013 में बोधगया मंदिर में बम विस्फोट के बाद यहां के सभी प्रमुख पर्यटन व धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गयी थी. लेकिन समय के साथ सुरक्षा व्यवस्था कम होती गयी. आज स्थिति यह है कि यहां की सुरक्षा व्यवस्था सैप के तीन जवानों के भरोसे है. ये तीनों जवान विश्व शांति स्तूप के गेट पर तैनात हैं. यहां तैनात सैप जवान अनिरुद्ध ठाकुर व नरसिंह गुप्ता ने बताया कि यहां आने वाले हर पर्यटक की गहन तलाशी के बाद ही विश्व शांति स्तूप तक जाने की अनुमति दी जाती है. वहीं वैशाली थानाध्यक्ष राजेश कुमार यहां के सभी प्रमुख पर्यटन व धार्मिक स्थलों की रात्रि गश्ती का दावा जरूर करते हैं.