हाजीपुर : कहते हैं कि आदमी जुनून में कुछ भी कर सकता है और इसे सिद्ध किया है वैशाली के नगमा गांव निवासी नवाब सिंह के इकलौता पोता चितरंजन पटेल. पुरातात्विक अवशेषों के प्रति अपने लगाव के कारण पहले तो उन्होंने नगमा गांव में खुदाई के दौरान मिले पुरातात्विक अवशेषों को सहेजने की गुहार राज्य सरकार से लगायी और जब वे इसमें सफल नहीं हुए तो इसके लिए स्वयं पहल कर अपना संग्रहालय स्थापित किया.
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विदेशी सैलानियों को रिझा रहे चितरंजन
हाजीपुर : कहते हैं कि आदमी जुनून में कुछ भी कर सकता है और इसे सिद्ध किया है वैशाली के नगमा गांव निवासी नवाब सिंह के इकलौता पोता चितरंजन पटेल. पुरातात्विक अवशेषों के प्रति अपने लगाव के कारण पहले तो उन्होंने नगमा गांव में खुदाई के दौरान मिले पुरातात्विक अवशेषों को सहेजने की गुहार राज्य […]
पहुंचने लगे विदेशी सैलानी: चितरंजन पटेल द्वारा शुरू किया गया प्रयास रंग दिखाने लगा है और लिच्छवी की राजधानी वैशाली में दिलचस्पी रखने वाले पर्यटकों के साथ ही विभिन्न देशी-विदेशी विश्वविद्यालयों के रिसर्च स्कॉलर अब नगमा पहुंचने लगे हैं. नगमा ऐतिहासिक रूप से वैशाली का हिस्सा है और वहां मिल रहे अवशेषों के बाद उस क्षेत्र की खुदाई की मांग तेज हुई है.
संचालित हो रहा है कॉल सेंटर: आम लोगों एवं पर्यटकों को नगमा के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक इतिहास के साथ ही वहां मिले पुरातात्विक अवशेषों की जानकारी देने के लिए नगमा गांव स्थित संग्रहालय में एक कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा है. इसके साथ ही वहां के बारे में जानकारी देने के लिए जगह-जगह व्यवस्था की जा रही है.
कई संस्थानों ने किया सम्मानित: चितरंजन पटेल के इस अनोखे काम के लिए उन्हें कई संस्थानों ने सम्मानित किया है और प्रोत्साहित किया है. उन्हें बंगाल और त्रिपुरा की सरकारों ने बुला कर सम्मानित किया है.
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