हाजीपुर : हाजीपुर-सुगौली नयी रेल लाइन के निर्माण के लिए अधिग्रहीत जमीन का सात वर्षो बाद भी मुआवजा नहीं मिलने का मामला जिला पदाधिकारी के जनता दरबार में पहुंचा. लालगंज के भगवानपुर पकड़ी गांव निवासी भरत सिंह ने जनता दरबार में एक आवेदन देकर कहा कि थाना नंबर 133 अंतर्गत खाता- 59 खेसरा-950 उनकी खरीदी गयी जमीन है,
जिसका भू अजर्न रेल लाइन निर्माण के लिए किया गया है और वर्ष 2008 से अब तक जनता दरबार एवं अन्य पदाधिकारियों को आवेदन देने के बाद भी न तो मुआवजा की राशि मिली और न ही कोई अन्य कार्रवाई हुई. उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि मुआवजे की समस्या का समाधान न होने की स्थिति में वे आत्महत्या कर लेंगे. जिला पदाधिकारी ने आवेदन को जांच कर कार्रवाई हेतु जिला भू-अजर्न पदाधिकारी को भेजा है.
जनता दरबार में प्रतिनियुक्त कर्मी ने नहीं लिया आवेदन : गोरौल के राजखंड गांव निवासी रामचंद्र महतो की पत्नी प्रमीला देवी ने समाहरणालय परिसर में बताया कि वह जनता दरबार में जिला पदाधिकारी से एटीएल से संबंधित शिकायत करने गयी थी, लेकिन संबंधित कर्मियों ने गेट पर से ही यह कह कर लौटा दिया कि यह शिकायत नहीं सुनी जायेगी.
उसने अपने आवेदन में कहा है कि गत नौ अप्रैल के जनता दरबार में एक आवेदन देकर उन्होंने अंचल अधिकारी द्वारा बगैर किसी सक्षम आदेश के उनकी जमाबंदी से जमीन हटा कर एक दूसरी जमाबंदी पर दर्ज कर दी. आवेदन जांच कर कार्रवाई हेतु सीओ गोरौल को भेजा गया और उन्होंने बगैर कोई जांच या कार्रवाई किये अपने पत्रंक-687 के माध्यम से भेजे गये एटीएल में कहा कि आप न्यायालय में अपील दायर करें जबकि किसी न्यायालय का आदेश ही नहीं है, तब अपील कैसे होगी.
142 आवेदनों का हुआ त्वरित निष्पादन : जिला पदाधिकारी रचना पाटील द्वारा आयोजित साप्ताहिक जनता दरबार में कुल 272 आवेदनों की सुनवाई करते हुए 142 का त्वरित निष्पादन किया गया, जिसमें मुख्यत: विकलांगता प्रमाणपत्र से संबंधित थे. शेष 130 आवेदनों को जांच कर कार्रवाई हेतु विभिन्न पदाधिकारियों को भेजा गया.