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सेंट्रल बैंक के ब्रांच मैनेजर का अब तक कोई सुराग नहीं

अपहृत शाखा प्रबंधक को आसमान खा गया या धरती निगल गयी हाजीपुर : हाजीपुर सदर थाना क्षेत्र से अपहृत सोनपुर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर का ढाई महीना बाद भी कोई सुराग नहीं मिला है. परिवार के लोग काफी बेचैन हो रहे हैं. परिजन अब अपहरण के बाद हत्या किये जाने की आशंका जताने […]

अपहृत शाखा प्रबंधक को आसमान खा गया या धरती निगल गयी
हाजीपुर : हाजीपुर सदर थाना क्षेत्र से अपहृत सोनपुर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर का ढाई महीना बाद भी कोई सुराग नहीं मिला है. परिवार के लोग काफी बेचैन हो रहे हैं. परिजन अब अपहरण के बाद हत्या किये जाने की आशंका जताने लगे हैं. अभी फिरौती एवं अन्य किसी तरह की धमकी का कॉल भी नहीं आया है.
परिजनों ने किसी भी प्रकार का विवाद नहीं बता रहे हैं. वहीं पुलिस की असफलता पर परिजन असंतोष व्यक्त कर रहे हैं. वहीं पुलिस ने दावा किया है कि मैनेजर को बरामद करने में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है.
लापता मैनेजर के परिजनों ने अपने सभी रिश्तेदारों के घर पर खोजबीन कर ली. यहां तक कि मैनेजर के दोस्तों से भी पूछ ताछ की गयी, लेकिन किसी को कुछ पता नहीं है.
कब हुए थे अगवा : नौ अप्रैल की सुबह जब वह टहलने के लिए निकल रहे थे. उस वक्त सुबह के पांच बज कर 12 मिनट हो रहे थे. मैनेजर अपना मोबाइल टेबल पर रख कर टहलने को निकल पड़े. उसके बाद वह लौट कर नहीं आये. अपहृत मैनेजर के पिता ने सदर थाने में अपहरण होने की प्राथमिकी दर्ज करायी थी.उसके बाद से पुलिस ने अपहृत मैनेजर को बरामद करने का लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन अब तक मैनेजर का सुराग नहीं लगा है.
महुआ के रहने वाले है मैनेजर : गोपालगंज से तबादला होने के बाद उपेंद्र कुमार को गत वर्ष सितंबर में सोनपुर के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा की कमान सौंपी गयी थी. उसके बाद अक्तूबर से परिवार के साथ दिग्धी के ओमप्रकाश सिंह के यहां किराये पर रहने लगे थे.
मैनेजर मूल रूप से महुआ के भदवास गांव निवासी है. वह चंद्रदेव सिंह के पुत्र बताये गये हैं. तीन भाई हैं. सबसे छोटा भाई सत्येंद्र कुमार अविवाहित है और पटना में एक निजी कंपनी में इंजीनियर है. वहीं मैनेजर का एक भाई वीरेंद्र कुमार कोलकाता में रहता है. वहां उसका अपना व्यवसाय है.
महिला को पुलिस ने भगाया था: अपहृत मैनेजर को बरामद नहीं किये जाने पर उसकी पत्नी उषा कुमारी एवं अन्य परिजनों अक्षय वट राय स्टेडियम में अनिश्चित कालीन अनशन पर बैठे थे, लेकिन पुलिस ने जबरन सबको मारपीट कर भगा दिया था. उसके विरोध में रालोसपा के कार्यकर्ताओं ने कई दिनों तक आंदोलन किया था और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाये थे.
क्या कहती हैं मैनेजर की पत्नी
पुलिस ने मेरे साथ अन्याय किया था. अनशन पर बैठने के साथ ही हमलोगों को पुलिस ने प्रताड़ित करने लगी.पुलिस के वरीय अधिकारियों ने भी हमलोगों की फरियाद नहीं सुनी. फिर भी मुङोपुलिस पर भरोसा है कि मेरे पति को जिंदा खोज लायेंगे.
उषा कुमारी
पहले हो चुकी है एक ब्रांच मैनेजर की हत्या
सदर थाना क्षेत्र के नौरंगाबाद गांव के निकट विगत वर्ष 2014 के सितंबर में ग्रामीण बैंक के मैनेजर की गोली मार कर हत्या की गयी थी. मृतक का नाम इंद्र जीत कुमार सिंह बताया गया था. वह भी महुआ के ही मूल निवासी थे. वह वैशाली के मंसूरपुर स्थित बिहार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के मैनेजर थे. बताया गया था कि 17 सितंबर की शाम को बैंक से लौटने के वक्त अपराधियों ने उनकी हत्या कर दी थी.

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