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शिक्षकों की हड़ताल से छात्र छात्राओं का भविष्य संकट में

प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्कूलों तक के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पूरी तरह ठप वैशाली जिले में शिक्षकों की हड़ताल से बच्चों का भविष्य दावं पर लग गया है.अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए शिक्षकों ने बच्चों को मोहरा बना दिया है. सरकार ने जब कमेटी गठित कर दी. इसके बाद भी तमाम शिक्षक हड़ताल […]

प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्कूलों तक के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पूरी तरह ठप
वैशाली जिले में शिक्षकों की हड़ताल से बच्चों का भविष्य दावं पर लग गया है.अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए शिक्षकों ने बच्चों को मोहरा बना दिया है. सरकार ने जब कमेटी गठित कर दी.
इसके बाद भी तमाम शिक्षक हड़ताल को तूल देकर बच्चों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. जिले में लगभग 16 हजार से अधिक शिक्षक हड़ताल पर हैं,जिससे प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पूरी तरह बंद है. कुछ माह बाद विद्यालय में जांच परीक्षा होगी. विद्यार्थियों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या होगी कि परीक्षा में क्या जवाब लिखें. इसके अलावा बेसिक तैयारी नहीं होने पर फाइनल परीक्षा में भी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा.
हाजीपुर : जिले में लगभग सात हजार नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं. शिक्षकों के हड़ताल पर जाने कारण बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो गयी है. जिले में प्राथमिक, मध्य व उच्च विद्यालय मिला कर कुल 2235 स्कूल प्रभावित हैं.यहां लगभग 12 हजार नियोजित व 41 सौ नियमित शिक्षक हैं.
जिले में विद्यालयों की संख्या
– प्राथमिक विद्यालयों की संख्या -1135
– मध्य विद्यालय की संख्या -964
– हाइ स्कूलों की संख्या -136
– किस स्कूल में कितने शिक्षक :
– प्राथमिक व मध्य विद्यालय – 12 हजार
– हाइ स्कूलों में शिक्षकों की संख्या- 1077
क्या हैं हड़ताल के मुख्य बिंदु
– लगभग एक महीने में हड़ताली शिक्षकों ने प्रशासनिक अधिकारी ,विधायक,सांसद एवं मंत्री का घेराव किया.
– कई बार शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया.
– हर दिन धरना- प्रदर्शन किया गया.
– जुलूस निकाला गया.
– दर्जनों सभाएं की गयीं.
– सभी विद्यालयों में ताला बंदी की गयी.
क्या कहते हैं अभिभावक
सरकारी शिक्षकों के बच्चे तो प्राइवेट विद्यालयों में पढ़ते है. उन्हें गरीबों के बच्चों की भविष्य की चिंता नहीं है.सरकारी निर्देश की अवमानना कर अपनी मांग को लेकर विद्यालय बंद करना न्यायोचित नहीं है.
इंद्र कुमार गिरि, अधिवक्ता
सरकार जब कमेटी गठित कर वार्ता करने एवं वेतनमान पर विचार करने के पक्ष में है, तो फिर शिक्षकों द्वारा की जा रही हड़ताल उचित नहीं है.
मनोज कुमार चौधरी,कृषक जंदाहा
लगातार कई दिनों से शिक्षकों की हड़ताल से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पूरी तरह चौपट हो गयी है. सरकार के निर्णय के खिलाफ हड़ताल करना जायज नहीं माना जा सकता. शिक्षकों को अपने काम पर वापस आना चाहिए.
कैलाश प्रसाद यादव,हाजीपुर
सरकार एवं शिक्षकों के बीच की लड़ाई में गरीब परिवार के बच्चे की पढ़ाई बंद है. शिक्षकों एवं अन्य अमीर लोगों के बच्चे तो प्राइवेट स्कूल में पढ़ते है. इसलिए हम लोगों की मांग है कि शिक्षकों द्वारा हड़ताल खत्म कर पढ़ाई आरंभ की जाये.
संजीव कुमार,खोकशा
क्या कहते हैं पदाधिकारी
सरकार एवं शिक्षकों के बीच वार्ता होने के बाद ही कोई निदान हो सकता है. नियोजित शिक्षकों की हड़ताल को समर्थन करते हुए मंगलवार से सभी शिक्षक हड़ताल पर चले गये हैं. अब सरकार के निर्णय का इंतजार है.
नयन रंजन वर्मा, जिला शिक्षा पदाधिकारी

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