मुजफ्फरपुर. प्रारंभिक शिक्षक के विभिन्न नियोजन इकाइयों में रिक्त 1045 पदों पर चयन के लिए तीसरे चरण की काउंसेलिंग में होगी. विभाग ने सितंबर में ही चयन प्रक्रिया पूरी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अक्तूबर में भी 12 दिन गुजर जाने के बाद कोई सुगबुगाहट नहीं है. इस कारण अभ्यर्थियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है. इसको लेकर अभ्यर्थी जिला से राज्य मुख्यालय तक दौड़ रहे हैं.
शिक्षक बहाली संघ के अध्यक्ष संजीत कुमार झा ने बताया कि तीसरे चरण की काउंसेलिंग पूरी करने और जिनका चयन हो चुका है, उन्हें जल्द नियुक्ति पत्र देने की मांग संघ ने सरकार से की है. यदि मांग पूरी नहीं होती, तो आंदोलन और भूख हड़ताल के लिए अभ्यर्थी विवश होंगे. कहा कि विभाग में भी लापरवाही कर रहा है. आदेश के पखवारे भर बाद भी टीम गठन से आगे प्रक्रिया नहीं बढ़ सकी है. जुलाई में पहले और अगस्त में दूसरे चरण की काउंसेलिंग हुई थी, जिसमें 2007 पदों के लिए चयन हो चुका है. जिले में छठवें चरण की वर्ष 2019 से चल रही है.
कुल 4700 पदों पर चयन के लिए आवेदन लिया गया था. जिन नियोजन इकाइयों की अबतक काउंसेलिंग पूरी हो चुकी है, वहां पहली से आठवीं तक के लिए कुल 3655 सीट थी. इसमें 2007 सीटों पर चयन हुआ है, जबकि 1648 सीट खाली रह गयी. दो चरणों में उर्दू शिक्षक और आरक्षित कोटे के अधिकतर सीट खाली रह गयी. विभाग की ओर से कहा गया है कि छठवें चरण की खाली सीट रोस्टर के साथ सातवें चरण में ट्रांसफर कर दी जायेगी.
बिहार विवि ने गेस्ट शिक्षकों की बहाली के लिए निकाली वैकेंसी
मुजफ्फरपुर. बीआरए बिहार विवि के पीजी डिपार्टमेंट और कॉलेजों में शिक्षकों की रिक्त सीटों को गेस्ट फैकल्टी की बहाली कर भरा जायेगा. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने वैकेंसी निकाल दी है. रजिस्ट्रार डॉ आरके ठाकुर ने मंगलवार को ऑनलाइन अप्लाई की तिथि घोषित की है. रजिस्ट्रार ने बताया कि एक से 20 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन लिया जायेगा.
इसके बाद 30 नवंबर तक हर हाल में अभ्यर्थी को ऑनलाइन आवेदन की हार्ड कॉपी रजिस्ट्रार के ऑफिस में जमा कर देना होगा. बहाली से संबंधित पूरी जानकारी विवि की वेबसाइट www.brabu.net पर उपलब्ध है, जहां से पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. विवि के पीजी डिपार्टमेंट और कॉलेजों में 200 से अधिक सीटें रिक्त हैं. हालांकि, कॉलेजों व डिपार्टमेंट से जानकारी नहीं मिलने के कारण अबतक रिक्ति की फाइनल सूची तैयार नहीं की गयी है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha