पटना. पूर्व मध्य रेलवे के सोनपुर मंडल के अंतर्गत बछवारा यार्ड की रिमॉडलिंग मंगलवार को पूरी हो गयी. इससे उत्तर बिहार सहित पूर्वी व पूर्वोत्तर क्षेत्र को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण जंक्शन की संरक्षा और परिचालन क्षमता में वृद्धि होगी.
बछवारा जंक्शन पर 25 फरवरी से यार्ड रिमॉडलिंग का प्री-एनआइ काम शुरू था. 28 फरवरी से नॉन इंटरलॉकिंग कार्य शुरू हुआ, जिसे मंगलवार को पूरा कर लिया गया. नयी तकनीक से संरक्षा में वृद्धि के साथ तीव्र व सुगम रेल परिचालन में मदद मिलेगी.
यार्ड रिमॉडलिंग 930 करोड़ रुपये से हाजीपुर-शाहपुर पटोरी-बछवारा रेलखंड दोहरीकरण परियोजना का हिस्सा है. इसकी स्वीकृति वर्ष 2015-16 में मिली थी. पूमरे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि यार्ड रिमॉडलिंग के बाद तीनों दिशाओं से एक साथ ट्रेनों को आना, उसे रवाना करना आदि काम संभव होगा.
तकनीकी कार्यों के बावजूद सोनपुर मंडल द्वारा इस दौरान फरवरी माह में सबसे अधिक 197 मालगाड़ियों का इंटरचेंज किया गया. एक मार्च को 207 मालगाड़ियों के दूसरा उच्चतम इंटरचेंज का रिकार्ड बनाया.
बछवारा यार्ड बरौनी, समस्तीपुर व हाजीपुर (वाया शाहपुर पटोरी) लाइनों को जोड़ता है. बछवारा जंक्शन होते हुए पूर्वोत्तर से आने आने वाली राजधानी एक्सप्रेस सहित कई महत्वपूर्ण गाड़ियां इस रूट से गुजरती हैं.
इन मार्गों के दोहरीकरण व विद्युतीकरण के बावजूद इस जंक्शन से ट्रेनों के सुचारू परिचालन में बाधा आ रही थी, जो अब दूर हो गयी है. इसमें सात कट और कनेक्शन, 33 प्वाइंट्स की स्थापना, 73 रूट्स, तीन नयी लाइनों का निर्माण, पांच लाइनों की रिएलाइन्मेंट और उनके विद्युतीकरण की आवश्यकता थी, जिसे रिकॉर्ड समय मे पूरा कर लिया गया.
Posted by Ashish Jha