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पड़ाव पर वाहनों की संख्या बढ़ी, राजस्व घटा

विवाद. … तो क्या पार्षद के लाभ के लिए घाटा सहन करने को तैयार है जिला परिषद जिला परिषद की ओर से की गयी सैरातों की बंदोबस्ती विवादों में आ गयी है. विवाद छातापुर सैरात से जुड़ा है. यहां पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में तीन हजार कम राशि पर ही सैरात की बंदोबस्ती कर […]

विवाद. … तो क्या पार्षद के लाभ के लिए घाटा सहन करने को तैयार है जिला परिषद

जिला परिषद की ओर से की गयी सैरातों की बंदोबस्ती विवादों में आ गयी है. विवाद छातापुर सैरात से जुड़ा है. यहां पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में तीन हजार कम राशि पर ही सैरात की बंदोबस्ती कर दी गयी है. इसको लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है.
सुपौल : वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिये जिला परिषद द्वारा आठ सैरातों की बंदोबस्ती विवादों में है और विवादों की मूल वजह छातापुर स्थित जिला परिषद के बस पड़ाव का सैरात आवंटन है. दरअसल 14 में से जिन आठ सैरातों की जिला परिषद ने इस वित्तीय वर्ष के लिये बंदोबस्ती की है, उसमें छातापुर के अतिरिक्त सरायगढ़ बाजार में जिप सड़क संख्या 21 किनारे अवस्थित हाट शामिल है. लेकिन यहां सैरात की डाक में महज 03 हजार रुपये की गिरावट आयी है और यह 05 लाख 50 हजार से घट कर 05 लाख 47 हजार रुपये में इस वर्ष आवंटित की गयी है. लेकिन अन्य 06 सैरात जिला परिषद के लिये फायदे का सौदा साबित हुए हैं.
जबकि इसके इतर छातापुर बस पड़ाव के सैरात 05 लाख 99 हजार 900 रुपये के घाटे के साथ बंदोबस्त की गयी. यहां दिलचस्प यह है कि इस बस पड़ाव पर यात्री बसों का ठहराव गत वर्ष की अपेक्षा डेढ़ गुणा हो चुका है. मतलब यह कि बस पड़ाव की आमदनी बढ़ी है. लेकिन भू-स्वामी अर्थात जिला परिषद की आमदनी को भारी चूना लगा है. साफ शब्दों में कहें तो सरकारी राजस्व का घाटा हुआ है. बावजूद सरकारी महकमा है कि इतने बड़े घाटे को भी वह अपना नुकसान मानने को तैयार नहीं है.
सूत्रों का दावा है कि लक्ष्मी के खेल ने प्रशासनिक पदाधिकारियों की आंखों पर ऐसा पर्दा डाल दिया है कि अब तकनीकी पहलुओं का हवाला दे, वे घाटे की बात से इनकार कर रहे हैं. लेकिन जिला परिषद के दस्तावेज ही इस बात की ताकीद करते हैं कि अधिकारी चाहे जो भी थोथी दलील पेश करें, सरकारी राजस्व के घाटे को नकारा नहीं जा सकता है. सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण हो चुका है कि सरकार भले ही जनप्रतिनिधित्व के बहाने नारी सशक्तिकरण का दावा कर रही हो, सही मायनों में आज भी अधिकतर मामलों में घर के पुरुष ही वास्तविक प्रतिनिधि होते हैं और महिला जनप्रतिनिधि एक मुखौटा.
बढ़े वाहनों की संख्या ने घटा दिया राजस्व!
छातापुर स्थित जिला परिषद का बस पड़ाव इसी क्षेत्र से पार्षद किरण कुमारी के पति अरूण कुमार मेहता को आवंटित किया गया. लेकिन मिली भगत का परिणाम हो या महज संयोग, हकीकत यही है कि बस पड़ाव में वाहनों की संख्या बीते एक वर्ष में काफी ज्यादा बढ़ी है. लिहाजा सवाल उठना लाजिमी है कि क्या बढ़े वाहनों की संख्या ने ही यहां के राजस्व को घटा दिया है! सवाल इसलिये भी महत्वपूर्ण है कि छातापुर को छोड़ केवल सरायगढ़ की सैरात घाटे में बंदोबस्त हुई है. लेकिन तुलनात्मक दृष्टि से भी छातापुर का राजस्व घाटा कई गुणा अधिक है. यही कारण है कि सैरात जिला पार्षद पति को बंदोबस्त किया जाना भी विवादों के केंद्र में है. एक आंकड़े के मुताबिक गत वर्ष इस बस पड़ाव में 35-40 बसों का ठहराव होता था. जो अब बढ़ कर 55-60 हो चुका है.
वहीं टैक्सी भी 100 से बढ़कर 135 के करीब हो गयी है. जबकि ऑटो की संख्या पूर्व में करीब 200 थी, जो अब बढ़ कर 250 के पार है. जाहिर है बस पड़ाव में जितने अधिक वाहनों का ठहराव होता है, बस पड़ाव की आमदनी भी उसी रफ्तार में बढ़ती है. लेकिन छातापुर के मामले में राजस्व ने उल्टी छलांग लगायी और सैरात आधे से भी कम राजस्व में बंदोबस्त कर दी गयी.
सुरक्षित जमा राशि में नहीं हुआ बदलाव
अब तक वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिये जिन 08 सैरातों की बंदोबस्ती की गयी है, उनके बंदोबस्ती राशि में भले ही काफी परिवर्तन आया हो, लेकिन छातापुर के मामले में अधिकारी घाटे की बात को नकार रहे हैं. यहां दिलचस्प यह है कि जिस सुरक्षित जमा राशि का हवाला देकर अधिकारी राजस्व घाटे को नकार रहे हैं, उसमें गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष भी कोई खास बदलाव नहीं हुआ है. एक मात्र बदलाव जिला परिषद की परसरमा स्थित निरीक्षण भवन जमीन के सुरक्षित जमा राशि में हुआ है. जो 400 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 748 रुपये से बढ़ कर 1148 रुपये हुआ है. वही अन्य सैरातों की सुरक्षित जमा राशि जस की तस है. जिप बस पड़ाव छातापुर के लिये सुरक्षित जमा राशि 03 लाख 63 हजार 400, निर्मली से झिटकी जिप सड़क संख्या 23 के किनारे जमीन की सुरक्षित जमा राशि 18 हजार 515, जिप बस पड़ाव त्रिवेणीगंज की सुरक्षित जमा राशि 20 लाख 72 हजार 185, भलुआही बाजार से बांध किनारे गुदरी जिप सड़क संख्या 04 की सुरक्षित जाम राशि 5635, जिप सड़क संख्या 12 किनारे राघोपुर बाजार की गुदरी की सुरक्षित जमा राशि 01 लाख 35 हजार 125, जिप सड़क संख्या 07 व 21 किनारे किसनपुर बाजार जंकशन चौक पर ऑटो व बस पड़ाव की सुरक्षित जमा राशि 05 लाख 80 हजार 750, जिप सड़क संख्या 21 किनारे भपटियाही बाजार में सड़क किनारे हाट की सुरक्षित जमा राशि 05 लाख 42 हजार 225 तथा जिप निरीक्षण भवन परसरमा की सुरक्षित जमा राशि 1148 रुपये निर्धारित है.

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