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गांजे का शौकीन है बैजू पासवान

अपहरण कांड का मुख्य आरोपित बैजू गांजा का शौकीन है और गांजा सेवन के कारण ही वार्ड नंबर नौ निवासी दिलीप चौधरी ने अपने लॉज में उसका कमरा करीब एक सप्ताह पूर्व खाली करा दिया. सुपौल : शुक्रवार को मुख्यालय बाजार में हुए अपहरण कांड का मुख्य आरोपित बैजू पासवान गांजा का शौकीन है और […]

अपहरण कांड का मुख्य आरोपित बैजू गांजा का शौकीन है और गांजा सेवन के कारण ही वार्ड नंबर नौ निवासी दिलीप चौधरी ने अपने लॉज में उसका कमरा करीब एक सप्ताह पूर्व खाली करा दिया.
सुपौल : शुक्रवार को मुख्यालय बाजार में हुए अपहरण कांड का मुख्य आरोपित बैजू पासवान गांजा का शौकीन है और गांजा सेवन के कारण ही वार्ड नंबर नौ निवासी दिलीप चौधरी ने अपने लॉज में उसका कमरा करीब एक सप्ताह पूर्व खाली करा दिया. दिलीप के पुत्र उज्ज्वल कुमार ने बैजू को गांजा पीते देखा था और इसकी शिकायत अपने पिता से की थी. जिसके बाद उसका कमरा खाली कराया गया.
बताया जा रहा है कि उस वक्त भी बैजू ने दिलीप को इस प्रकार के किसी घटना की धमकी दी थी. एसपी डाॅ कुमार एकले ने बताया कि बैजू अपहरण कांड के दो अन्य आरोपियों में से एक का पूर्व में चालक रह चुका है. लिहाजा उसी ने गाड़ी मंगवायी, जिससे अपहरण की घटना को अंजाम दिया गया. सिसौनी निवासी प्रत्यम कुमार के मोबाइल टावर लोकेशन के आधार पर पुलिस ने स्कॉर्पियो (बीआर50पी/1824) को बरामद किया और चालक की गिरफ्तारी भी कर ली गयी. हालांकि पहली पूछताछ में उसने इस प्रकार की घटना में अपनी संलिप्तता से इनकार कर दिया. जिससे पुलिस को भी यह लगने लगा था कि अपहरण की कोई वारदात सुपौल शहर में कभी हुई ही नहीं. लेकिन गाड़ी नंबर और लोगों का दावा जानने के कारण पुलिस विश्वास नहीं कर पा रही थी. लिहाजा बैजू से कई चक्र में पूछताछ आरंभ की गयी और पूरे घटनाक्रम की पुष्टि भी करायी गयी.
जिसके बाद अपहरण मामले की पुष्टि हो पायी.
एक सप्ताह में ही पुलिस की दूसरी बड़ी कार्रवाई : शुक्रवार को अपहरण के बाद अपहृत की बरामदगी सहित आरोपित की गिरफ्तारी सदर थाना पुलिस के लिए एक सप्ताह के अंदर दूसरी बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है. दरअसल इससे पूर्व सोमवार को मुख्यालय बाजार के हटिया परिसर में फर्नीचर व्यवसायी सुभाष सिंह हत्या मामले में भी आरोपित मो आफताब को पुलिस ने सात घंटे के अंदर बरामद कर लिया था. जबकि शुक्रवार की घटना में भी लगभग छह घंटे में अपहृत बरामद किया गया और आरोपित की भी गिरफ्तारी हुई. सदर थाना पुलिस की कार्यशैली में आया यह बदलाव लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग विशेष तौर पर दोनों घटनाओं में सदर एसडीपीओ विद्या सागर की उपलब्धि मान रहे हैं. एसपी डाॅ कुमार एकले ने भी इस उपलब्धि के लिए एसडीपीओ के कार्यशैली की प्रशंसा की है.
नाबालिग अपहरण मामले में सदर थाना पुलिस ने अपहृत के पिता वार्ड नंबर 09 निवासी दिलीप चौधरी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है. प्रभारी सदर थानाध्यक्ष सह सदर अंचल के पुलिस निरीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि अपहृत का न्यायालय में बयान दर्ज कराने सहित अन्य औपचारिकता पूरी की जा रही है. शनिवार को आरोपीको न्यायिक हिरासत में भेज दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि पुलिस अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी छानबीन कर रही है.
पुलिस के लिए सबसे बड़ी परेशानी का कारण शिकायतकर्ता का नहीं रहना था. दरअसल सुबह करीब छह बजे अपहरण की घटना को अंजाम दिया गया. जिसकी सूचना पर सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची. लेकिन समस्या वाली बात यह थी कि अपहरण लड़के का हुआ या लड़की का यह भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा था.
हालांकि अपहरण के लिए इस्तेमाल में लाया गया स्कॉर्पियो का नंबर उपलब्ध हो चुका था. लिहाजा पुलिस ने उसी के आधार पर खोजबीन शुरू कर दी. करीब तीन घंटे बाद भी जब पुलिस को अपहरण की कोई शिकायत नहीं मिली तो वह भी अपना रुख स्पष्ट नहीं कर पा रही थी. इस बीच पुलिस ने किसनपुर थाना क्षेत्र के चांदपीपर से चालक सहित स्कॉर्पियो को बरामद कर लिया. जिसके बाद अनुसंधान का दायरा आगे बढ़ पाया. काफी समय बाद अपहृत की जानकारी पुलिस को हो पायी. पुलिस के माध्यम से ही अपहृत छात्र के परिजनों को भी घटना की सूचना मिली.

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