लंबे समय से सुपौल जिले की वेबसाइट को अपडेट नहीं किया गया है. इसके कारण लोगों को गलत जानकारी मिल रही है.
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अमित हैं आइजी नागेंद्र डीआइजी! सुपौल जिले की वेबसाइट में बड़ी गड़बड़ी
लंबे समय से सुपौल जिले की वेबसाइट को अपडेट नहीं किया गया है. इसके कारण लोगों को गलत जानकारी मिल रही है. सुपौल : आधुनिकीकरण का दौर है और अब सभी सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराने की कवायद चल रही है. केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार ऑनलाइन सेवाओं पर सभी का विशेष जोर है. लेकिन […]
सुपौल : आधुनिकीकरण का दौर है और अब सभी सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराने की कवायद चल रही है. केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार ऑनलाइन सेवाओं पर सभी का विशेष जोर है. लेकिन जरा सावधान हो जाइये, क्योंकि ऑनलाइन सेवा आपको धोखे में डाल सकती है. ऐसा इसलिए कि एनआइसी की साइटों का भी बुरा हाल है. जी हां, आम लोग भी वरीय अधिकारियों से सीधा संपर्क साध सकें और उन्हें समुचित जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके, इसके लिए सरकार द्वारा सभी जिला व प्रमंडल सहित विभागों की एनआइसी की वेबसाइट तैयार की गयी है. जहां अधिकारियों के नाम और नंबर भी उपलब्ध होते हैं.
लेकिन नंबर सरकारी नंबर भले ही न बदले अधिकारियों के तबादले के साथ पदधारक का नाम जरूर बदल जाता है. यही कारण है कि सभी जिलों में आनआइसी ऑफिसर व कर्मी तैनात हैं, जिन पर वेबसाइट को अपडेट रखने का जिम्मा है. पर गंभीर कौन है ! सवाल इसलिए कि दरभंगा प्रक्षेत्र के आइजी उमाशंकर सुधांशु हैं, जिनके पदस्थापन को तीन माह से अधिक का समय बीत चुका है. लेकिन सुपौल जिले की वेबसाइट (supaul.bih.nic) पर अमित कुमार जैन अभी भी प्रक्षेत्र के आइजी बने हुए हैं. जबकि सहरसा डीआइजी के सेवानिवृत्ति को करीब चार माह हो चुके हैं और फिलहाल पूर्णिया रेंज डीआइजी उपेंद्र कुमार सिन्हा सहरसा के अतिरिक्त प्रभार में हैं. लेकिन सुपौल जिले की वेबसाइट पर आइपीएस नागेंद्र प्रसाद सिंह अभी भी सहरसा रेंज के डीआइजी बने हुए हैं.
साइट पर डीसीओ के रूप में जैनुल आब्दिन का भी नाम है, लेकिन स्थानांतरण के बाद यह जिम्मा लंबे समय से पंकज कुमार झा संभाल रहे हैं. इसी प्रकार जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी का जिम्मा एसडीसी ब्रज किशोर लाल के पास है. लेकिन वेबसाइट पर दिनेश कुमार का नाम दर्ज है. करीब एक माह पूर्व ही स्थानांतरण के बावजूद सदर एसडीपीओ के रूप में वीणा कुमारी नाम साइट पर है, जबकि वह अब पटना में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में बतौर एएसपी पदस्थापित हैं. विद्या सागर उनकी जगह सदर एसडीपीओ पदस्थापित हुए हैं और कार्यरत भी हैं. सबसे दिलचस्प यह है कि जिस किसनपुर बीडीओ गोपाल कृष्णन के निलंबन का विवाद अब तक नहीं थमा है, जिले के वेबसाइट पर वे अब भी बतौर किसनपुर बीडीओ ही बरकरार हैं. वेबसाइट पर ऐसे उदाहरणों की लंबी तादाद है. जिसके कारण एनआइसी अधिकारी व कर्मियों की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है. लेकिन वेबसाइट की स्थिति से स्पष्ट है कि एनआइसी का पूरा वेबसाइट लोगों को धोखे में रख रहा है.
एनआइसी की वेबसाइटर अंडर मेंटेनेंश है. इसे अपडेट करने की प्रक्रिया चल रही है. लंबे समय से इसे अपडेट नहीं किया गया है. अगले एक-दो दिनों में वेबसाइट अपडेट कर लिया जायेगा.
अभिषेक कुमार, जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी, सुपौल
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