सुपौल : जब पृथ्वी पर अत्यंत घोर, अनाचार, पापाचार व धर्म निरमूल हो रहा था. तब भगवान राम का जन्म इस पृथ्वी पर हुआ. भगवान राम ने अवतार लेकर दुराचारी का संहार करते हुए धर्म की स्थापना की. उक्त बातें रविवार को संत महादेव दास ने पिपरा प्रखंड के हटवरिया गांव स्थित बजरंगवली मंदिर परिसर में हो रहे एक दिवसीय राम चरित्र मानस गोष्ठी के दौरान श्रोताओं को संबोधित करते हुए कह रहे थे.
उन्होंने कहा कि भगवान राम में समरसता दिखायी पर रहा है. जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं. इतना ही नहीं बल्कि मानव जीवन की सफलता के लिए सभी तत्वों का लीला करके दिखाया गया है. इसलिए भगवान राम की कथा लोगों को सुनकर और उनके बताये मार्ग पर अवश्य चलना चाहिए. वहीं संत बासुदेव जी ने कहा कि इस घोर कलीकाल में सनातन धर्म को बरकरार रखने के लिए गोस्वामी जी के द्वारा रामचरित्र मानस लिखा गया और बताया गया कि रामायण एक ऐसा ग्रंथ है.