कार्रवाई. निगरानी जांच के बाद शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़े की खुली पोल
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37 शिक्षकों का नियोजन अवैध
कार्रवाई. निगरानी जांच के बाद शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़े की खुली पोल उच्च न्यायालय के आदेश पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जारी जिले के 181 पंचायतों में से महज दस पंचायतों में जांच के प्रथम चरण में ही 37 शिक्षकों के नियोजन को अवैध माना गया है. सुपौल : मुखिया एवं पंचायत सचिव द्वारा शिक्षक […]
उच्च न्यायालय के आदेश पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जारी जिले के 181 पंचायतों में से महज दस पंचायतों में जांच के प्रथम चरण में ही 37 शिक्षकों के नियोजन को अवैध माना गया है.
सुपौल : मुखिया एवं पंचायत सचिव द्वारा शिक्षक नियोजन के दौरान किये गये फर्जीवाड़े की अब पोल खुलने लगी है. उच्च न्यायालय के आदेश पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जारी जिले के 181 पंचायतों में से महज दस पंचायतों में जांच के प्रथम चरण में ही 37 शिक्षकों के नियोजन को अवैध माना गया है. निगरानी ने इन चिन्हित फर्जी शिक्षकों को सेवा से बरखास्त करते हुए उनके विरुद्ध स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कर वेतन के मद में प्राप्त की गयी राशि की वसूली करने का आदेश दिया है.
निगरानी विभाग से प्राप्त आदेश के आलोक में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना सह नोडल पदाधिकारी ने संबंधित नियोजन इकाई सह सदस्य सचिव को पत्र लिख कर कार्रवाई करते हुए अनुपालन प्रतिवेदन समर्पित करने का आदेश दिया है. निगरानी के इस आदेश पर 37 शिक्षकों सहित नियोजन इकाई के अध्यक्ष, सदस्य सचिव एवं सदस्य के विरुद्ध भी कार्रवाई की जायेगी. डीपीओ द्वारा जारी आदेश के अनुसार सदर प्रखंड के 11 प्रखंड शिक्षक तथा 20 पंचायत शिक्षक जबकि राघोपुर प्रखंड के दो प्रखंड शिक्षक एवं चार पंचायत शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.
निगरानी के इस खुलासे के बाद यह संभावना जतायी जा रही है कि जिले भर में ऐसे शिक्षकों की संख्या हजारों में हो सकती है. यह स्थिति तब है जब अभी तक मात्र दस पंचायतों में ही निगरानी द्वारा केवल प्रारंभिक जांच का कार्य पूर्ण किया गया है. इस संख्या में और भी इजाफा होना तय माना जा रहा है क्योंकि शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच का परिणाम आना बांकी है.
इनके ऊपर भी गिरेगी गाज : निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा प्रारंभिक जांच के क्रम में जिले के दस पंचायतों में 37 शिक्षकों के नियोजन को अवैध ठहराये जाने के बाद नियोजन के लिए जवाबदेह नियोजन इकाई के अध्यक्ष, सचिव एवं सदस्य के विरुद्ध भी कार्रवाई तय मानी जा रही है.बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक नियोजन एवं सेवा शर्त नियमावली में प्रखंड नियोजन इकाई में प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी,
पंचायत समिति सदस्य जबकि पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई में मुखिया, पंचायत सचिव, पंचायत समिति सदस्य एवं एक शिक्षक प्रतिनिधि शामिल हैं.जबकि वर्ष 2006 से पूर्व हुए शिक्षा मित्र की बहाली तत्कालीन मुखिया, पंचायत सचिव एवं सुख सुविधा समिति के सदस्य के द्वारा की गयी थी.
प्रभात एक्सक्लूसिव
खास बातें
फर्जीवाड़े के तहत नियोजित शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करा कर वेतन मद में प्राप्त राशि की वसूली का आदेश
जिले के 181 में से मात्र दस पंचायतों की जांच के बाद हुआ है खुलासा, संख्या में हो सकती है काफी बढ़ोतरी
निगरानी जांच में क्या हुआ खुलासा
उच्च न्यायालय पटना के सीडब्लूजेसी नंबर 15459/14 रंजीत पंडित बनाम राज्य सरकार एवं अन्य में पारित आदेश के आलोक में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने नियोजित शिक्षकों के नियोजन प्रक्रिया की जांच आरंभ की.निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना द्वारा सुपौल में प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी द्वारा नियोजित शिक्षकों के नियोजन प्रक्रिया की जांच के दौरान व्यापक पैमाने पर अनियमितता पायी गयी.
जिले के 11 प्रखंड एवं 181 पंचायतों में से सुपौल प्रखंड के नौ पंचायत एवं राघोपुर प्रखंड के एक पंचायत के शिक्षक नियोजन के अभिलेख की जांच की गयी.जांच के दौरान यह पाया गया कि मुखिया एवं पंचायत सचिव द्वारा रेबड़ी की तरह नियोजन पत्र बांटा गया. मेधा सूची में नाम नहीं रहने के बावजूद अधिकांश अभ्यर्थियों को शिक्षक बना दिया गया.
वहीं गलत जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर आरक्षण का लाभ देते हुए कई शिक्षकों को नियोजन पत्र दे दिया गया. कई शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र एवं अंक पत्र के अंक में काफी भिन्नता पायी गयी. आयु सीमा समाप्त होने के बावजूद भी कई अभ्यर्थियों को नियोजन पत्र दिया गया.जबकि कई अभ्यर्थी ऐसे भी थे जिनकी आयु नियोजन की तिथि को पूरी नहीं हुई थी.
मेधा सूची में दिये गये अंक एवं आवेदन में संलग्न अंक पत्र में भी भिन्नता पायी गयी.कई अभ्यर्थी ना तो स्नातक उत्तीर्ण हैं और ना ही उनके द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र में स्नातक की डिग्री का उल्लेख किया गया है. लेकिन नियोजन इकाई द्वारा तैयार मेधा सूची में उन्हें स्नातक उत्तीर्ण दिखा कर स्नातक का वेटेज चार अंक दे दिया गया है.
बरखास्त होंगे ये फर्जी शिक्षक
नियोजन इकाई का नाम शिक्षक का नाम विद्यालय का नाम
प्रखंड नियोजन इकाई सुपौल अनिल कुमार मध्य विद्यालय हरदी
प्रखंड नियोजन इकाई सुपौल प्रदीप कुमार मवि सिहे
प्रखंड नियोजन इकाई सुपौल अंजली जायसवाल दोरिक कन्या मवि चैनसिंहपट्टी
अमहा पंचायत फूल कुमारी उमवि अमहा उत्तर
अमहा पंचायत सुनीता कुमारी कन्या प्रावि लतराहा
अमहा पंचायत वीणा कुमारी प्रावि लतराहा पूरब
अमहा पंचायत कुमारी मीना प्रावि लतराहा
बैरो पंचायत नुरेशा खातुन उर्दू मवि इटहरी
बैरो पंचायत कंचन कुमारी उमवि धोरे
मल्हनी पंचायत संजीव कुमार सिंह उमवि मल्हनी टोला हसना
मल्हनी पंचायत अख्तरी बानो प्रावि भरना टोला मल्हनी
पिपराखुर्द पंचायत नारायण मंडल उ.म.वि. पिपराखुर्द
पिपराखुर्द पंचायत गोपाल राम प्रा.वि. छपकाही
गोठ बरुआरी पंचायत मो सगीर आलम म.वि.कजरा मोहनियां
गोठ बरुआरी पंचायत सीमा सिंह सुखदेव कन्या मवि बरैल
गोठ बरुआरी पंचायत जयंत कुमार सिंह उ.म.वि. कजरा गणेश कुमार पासी प्रा.वि. बरैल मिल्लिक
गोठ बरुआरी पंचायत दीपक कुमार प्रा.वि. बरैल मिल्लिक
गोठ बरुआरी पंचायत गिन्नी वर्मा प्रा.वि. मल्लाह टोला प्रा.वि. डीह टोला जगतपुर
गोठ बरुआरी पंचायत ललन कुमार पासवान प्रा.वि. संथाल टोला मोहनियां
गोठ बरुआरी पंचायत सरस्वती कुमारी प्रा.वि.मोहनियां
गोठ बरुआरी पंचायत बिजली प्रभा प्रा.वि. मोहनियां
परसरमा-परसौनी पंचायत सुनीता कुमारी प्रा.वि. बलियासपट्टी
चैनसिंहपट्टी पंचायत रेणु कुमारी प्रा.वि.कृषि फॉर्म चैनसिंहपट्टी
लोकहा पंचायत हीरा कुमारी प्रा.वि. कजहा
लोकहा पंचायत सुधा कुमारी प्रा.वि. गणेशपुर टोला लोकहा
करिहो पंचायत ललिता देवी प्रा.वि. जमुआहा
फिंगलास पंचायत कुमारी रीता म.वि. फिंगलास चकला
फिंगलास पंचायत किरण कुमारी उ.म.वि. परसरमा
फिंगलास पंचायत सुरेंद्र कुमार प्रा.वि.नरहा पश्चिम
फिंगलास पंचायत अभय कुमार प्रा.वि. गोविंद मंडल टोला
फिंगलास पंचायत शबनम कुमारी प्रा.वि.सरदार एवं शर्मा टोला
फिंगलास पंचायत रितु कुमारी प्रा.वि. शर्मा टोला फिंगलास
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