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कंप्यूटर की व्यवस्था नहीं
जिले भर में संचालित कुछेक विद्यालयों को छोड़ अधिकांश विद्यालयों में कंप्यूटर की व्यवस्था उपलब्ध नहीं रहने के कारण माध्यमिक परीक्षा के आवेदन प्रपत्र भरने में काफी दिक्कतें आ रही है. शिवानंद मिश्र सुपौल : परीक्षा समिति द्वारा माध्यमिक परीक्षा के आवेदन प्रपत्र भरे जाने को लेकर तिथि का निर्धारण कर दिया गया है. परीक्षा […]
जिले भर में संचालित कुछेक विद्यालयों को छोड़ अधिकांश विद्यालयों में कंप्यूटर की व्यवस्था उपलब्ध नहीं रहने के कारण माध्यमिक परीक्षा के आवेदन प्रपत्र भरने में काफी दिक्कतें आ रही है.
शिवानंद मिश्र
सुपौल : परीक्षा समिति द्वारा माध्यमिक परीक्षा के आवेदन प्रपत्र भरे जाने को लेकर तिथि का निर्धारण कर दिया गया है. परीक्षा समिति द्वारा वर्ष 2017 के परीक्षा के लिए आवेदन प्रपत्र ऑन लाइन के माध्यम से किये जाने का निर्देश जारी किया गया है. ऑन लाइन प्रक्रिया पूर्ण कराये जाने की जिम्मेवारी संबंधित विद्यालयों के प्राचार्य को दिया गया है. जबकि जिले भर में संचालित कुछेक विद्यालयों को छोड़ अधिकांश विद्यालयों में कंप्यूटर की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है.
जिस कारण सीमित समयावधि में उक्त कार्य को सफलता पूर्वक पूर्ण कराया जाना विद्यालय प्रबंधन के लिए असंभव सा प्रतीत हो रहा है. बिना व्यवस्था उपलब्ध कराये विभाग द्वारा इस प्रकार का निर्देश जारी किया जाना छात्र व विद्यालय प्रबंधन के समक्ष भारी समस्या आन पड़ी है. वहीं ससमय आवेदन प्रपत्र जमा कराये जाने को लेकर अधिकांश विद्यालय प्रबंधन साइबर कैफे की तलाश में जुटे हुए है. जबकि साइबर कैफे के संचालकों द्वारा प्रति आवेदन आॅन लाइन किये जाने के नाम पर 40 से 50 रुपये तक की राशि का डिमांड किया जा रहा है
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कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में फिलवक्त कुल 132 माध्यमिक विद्यालय संचालित है. जहां कई वर्ष पूर्व आइसीटी स्कीम के तहत 17 विद्यालयों को कंप्यूटर उपलब्ध कराया गया. वहीं समुचित रख रखाव नहीं रहने के कारण मरौना व राघोपुर प्रखंड के एक-एक विद्यालय से कंप्यूटर की चोरी भी हो गयी. साथ ही एनआईटी द्वारा जिले के 11 विद्यालयों को कंप्यूटर की सुविधा से लैस कराया गया. शेष विद्यालयों में कंप्यूटर की सुविधा अनुपलब्ध है. जबकि एनआईटी का विभाग से अनुबंध वर्ष 2011 में ही समाप्त हो चुका है. विभाग द्वारा माध्यमिक कक्षा के छात्रों के लिए आवेदन प्रपत्र ऑन लाइन माध्यम से जमा कराने की तिथि 13 से 20 अक्तूबर तक निर्धारित की गयी है. ऐसे में कोसी इलाके के इस पिछड़े जिले में ऑन लाइन माध्यम से उक्त कार्य को पूर्ण कराया जाना असंभव प्रतीत हो रहा है.
साइबर कैफे बना एकमात्र सहारा : गौरतलब हो कि वर्ष 2017 में आयोजित होने वाले माध्यमिक परीक्षा के लिए तकरीबन 30 से 34 हजार बच्चों का आवेदन प्रपत्र भराया जाना है. लेकिन जिला मुख्यालय में गिने चुने ही निजी साइबर कैफे संचालित है. जानकारों की माने तो विद्यालयों में कंप्यूटर की सुविधा नहीं रहने के कारण ऑन लाइन आवेदन जमा कराने के लिए साइबर कैफे ही एक मात्र सहारा बना है. बताया कि परीक्षा समिति द्वारा ऑन लाइन आवेदन जमा कराने हेतु विद्यालय के प्राचार्यों के लिए पासवर्ड निर्गत कर दिया गया है. जहां विद्यालय प्रबंधन छात्रों से निर्धारित आवेदन शुल्क जमा लेंगे.
साथ ही तैयार डाटा लेकर साइबर कैफे के कंप्यूटर सिस्टम पर विभाग द्वारा जारी पासवर्ड से लॉगिंग करेंगे. इसके उपरांत संबंधित छात्रों का ऑन लाइन आवेदन जमा करवायेंगे. इधर पंचायत स्तर पर उत्क्रमित किये गये माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्य को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है.
छात्रों पर अतिरिक्त भार बना ऑनलाइन चार्ज
परीक्षा समिति द्वारा आवेदन प्रपत्र ऑन लाइन किये जाने से छात्रों के समक्ष अतिरिक्त चार्ज एक बड़ी समस्या बनी हुई है. कई छात्रों ने बताया कि सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार लाने के लिए कई योजनाएं संचालित की गयी. ताकि छात्रों को सुलभता के साथ पारंपरिक सहित तकनीकी शिक्षा भी उपलब्ध हो सके.
लेकिन विभागीय शिथिलता के कारण कई योजनाएं कुछ विद्यालय तक ही सीमित रह गया. जिस कारण छात्रों को समुचित तरीके से विद्यालय स्तर पर योजना का लाभ नहीं मिल सका. छात्रों ने बताया कि सरकार द्वारा सभी छात्रों को समान तरीके से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराये जाने की कवायद की गयी. लेकिन कुछ विद्यालयों में कंप्यूटर सेवा उपलब्ध करवाने के साथ ही शिक्षा व्यवस्था खुद कटघरे में खड़ी दिख रही है.
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