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फुटपाथ पर सजता है बाजार

परेशानी. िसकुड़ती जा रही हैं शहर की सड़कें, शेड पर है अवैध कब्जा अतिक्रमण की समस्या से शहर की हृदय स्थली स्टेशन चौक संकरी हो गयी है. सड़क की स्थिति ठीक नहीं है. वाहनों के निर्बाध गति से परिचालन व आम लोगों को पैदल चलने ने काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सुपौल : […]

परेशानी. िसकुड़ती जा रही हैं शहर की सड़कें, शेड पर है अवैध कब्जा

अतिक्रमण की समस्या से शहर की हृदय स्थली स्टेशन चौक संकरी हो गयी है. सड़क की स्थिति ठीक नहीं है. वाहनों के निर्बाध गति से परिचालन व आम लोगों को पैदल चलने ने काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
सुपौल : अतिक्रमण की समस्या यूं तो पूरे शहर के लिए अभिशाप माना जा रहा है, लेकिन शहर की हृदय स्थली स्टेशन चौक का और भी बुरा हाल है. अतिक्रमण की वजह से चौक स्थित मुख्य सड़क दिन ब दिन सुकुड़ती जा रही है. ऐसा नहीं है कि उक्त स्थल पर सड़क की स्थिति ठीक नहीं है. वाहनों के निर्बाध गति से परिचालन व आम लोगों को पैदल चलने के लिए सड़क के दोनों किनारे नगर परिषद द्वारा पक्की फुटपाथ का निर्माण करोड़ों रुपये की लागत से करवाया गया,
लेकिन विडंबना यह है कि इस फुटपाथ पर सब्जी व फल विक्रेताओं का कब्जा है. प्रशासनिक चुप्पी अतिक्रमणकारियों के हौसले को बुलंद करती है. यही वजह है कि प्रशासन द्वारा हटाये जाने के महज कुछ दिनों के बाद ही पुन: उक्त स्थल पर इन अतिक्रमणकारियों का कब्जा हो जाता है.
दक्षिणी हटखोला रोड की स्थिति है भयावह : स्टेशन चौक पर जारी अतिक्रमण के बीच सबसे विकट स्थिति दक्षणी हटखोला रोड की बनी रहती है. इस पथ में सड़क के पश्चिमी हिस्से में जहां फुटपाथ का अतिक्रमण कर सब्जी बाजार सजाया जा रहा है. वहीं पूर्वी भाग में दर्जनों अंडा व नाश्ते के विक्रेताओं द्वारा बीच सड़क पर ठेला व रेहड़ी लगा कर दुकानदारी की जाती है.
इस वजह से यह पथ लोगों के आवागमन के लिए दुरूह बन गया है. ज्ञात हो कि दक्षिणी हटखोला रोड जिला मुख्यालय को पड़ोसी जिला मधेपुरा व पूर्णिया से जोड़ती है. जिला मुख्यालय में प्रतिदिन गुलाबबाग मंडी से सामान लेकर आने वाले दर्जनों ट्रक इसी मार्ग से जिला मुख्यालय में प्रवेश करती है. अतिक्रमण की वजह से सिकुड़ चुकी इस सड़क पर वाहन रेंगते है. वहीं बड़े वाहनों के आने पर हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.
शेड पर अतिक्रमणकारियों का है कब्जा : जानकार बताते हैं कि शहरवासियों को अतिक्रमण से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से पूर्व में जिला प्रशासन एवं नगर परिषद द्वारा अभियान चला कर अतिक्रमण हटाया गया था. इसके बाद विस्थापित हुए सब्जी विक्रेताओं को पुनर्वासित करने के उद्देश्य से दक्षिणी हटखोला रोड में ही सुलभ शौचालय के सामने से लेकर पटेल चौक तक के स्थान को चिह्नित किया गया था.
उक्त स्थान पर फुटपाथ विक्रेताओं को नगर परिषद ने लाखों रुपये खर्च कर छतदार चबूतरे का निर्माण करवा कर सौंप दिया. इसके बावजूद भी वह सभी नहीं सुधर सके.कुछ दिन तक स्थिति ठीक-ठाक रहने के बाद इन सब्जी विक्रेताओं ने पुनर्वासित स्थल को किराये पर लगा दिया और खुद सड़क पर आ कर बैठ गये. शुरुआती दौर में दो-तीन टोकरी में सब्जी रख कर बेचने वाले सब्जी विक्रेता आज दर्जन भर से अधिक टोकरी लगा कर फुटपाथ से लेकर सड़क तक स्थायी रूप से बस गये हैं, लेकिन नगर परिषद द्वारा इनके विरुद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण स्थायी दुकानदारों में रोष व्याप्त है.
करोड़ों का कारोबार हो रहा प्रभावित
दक्षिणी हटखोला रोड में जिला स्तर के कई प्रतिष्ठित कारोबारियों का प्रतिष्ठान भी संचालित है. वहीं हाल के वर्षों में इस पथ में शहर के नामी-गिरामी होटल खुलने के बाद इस पथ की महत्ता अधिक बढ़ गयी है. इस स्थिति में रेल अथवा सड़क मार्ग से पहुंचने वाले बाहर के लोग इन होटलों में विश्राम के लिए पहुंचते हैं, लेकिन होटल के आगे अतिक्रमण के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है. सबसे विकट स्थिति उस वक्त उत्पन्न होती है, जब यहां पहुंचने वाले अतिथियों के साथ वाहन हो. वाहन लेकर इस मार्ग से होटल तक पहुंचने में उन्हें जिस प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है,
इससे शहर की गलत छवि अतिथियों के सामने पेश होती है. साथ ही इस पथ पर संचालित कई डिलक्स होटल सरकार को राजस्व का भुगतान भी करते हैं, लेकिन अतिक्रमण के कारण व्यवसाय प्रभावित होने के बाद कई होटल व रेस्ट हाउस बंद होने के कगार पर है. इससे करोड़ों के कारोबार के साथ-साथ सरकारी कोष में लाखों के राजस्व के हानि की भी संभावना है.
दक्षिणी हटखोला रोड में जिला स्तर के कई प्रतिष्ठित कारोबारियों का प्रतिष्ठान भी संचालित है. वहीं हाल के वर्षों में इस पथ में शहर के नामी-गिरामी होटल खुलने के बाद इस पथ की महत्ता अधिक बढ़ गयी है. इस स्थिति में रेल अथवा सड़क मार्ग से पहुंचने वाले बाहर के लोग इन होटलों में विश्राम के लिए पहुंचते हैं, लेकिन होटल के आगे अतिक्रमण के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है. सबसे विकट स्थिति उस वक्त उत्पन्न होती है, जब यहां पहुंचने वाले अतिथियों के साथ वाहन हो. वाहन लेकर इस मार्ग से होटल तक पहुंचने में उन्हें जिस प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, इससे शहर की गलत छवि अतिथियों के सामने पेश होती है. साथ ही इस पथ पर संचालित कई डिलक्स होटल सरकार को राजस्व का भुगतान भी करते हैं, लेकिन अतिक्रमण के कारण व्यवसाय प्रभावित होने के बाद कई होटल व रेस्ट हाउस बंद होने के कगार पर है. इससे करोड़ों के कारोबार के साथ-साथ सरकारी कोष में लाखों के राजस्व के हानि की भी संभावना है.
नगर परिषद द्वारा निर्मित शेड पर है अतिक्रमणकारियों का कब्जा
स्थायी दुकानदारों में पनप रहा है आक्रोश
मुहिम में आप भी हो शामिल
शहर में व्याप्त अतिक्रमण की विकट समस्या को देखते हुए प्रभात खबर द्वारा अतिक्रमण मुक्ति अभियान प्रारंभ किया गया है. आम नागरिक भी इसमें अपना सहयोग, बहुमूल्य सुझाव व शिकायत दर्ज करा कर इस अभियान में शामिल हो सकते हैं. इसके लिये वे मोबाइल नंबर 9431080801, 7368830718 पर मौजूद व्हाट्रसएप्प व इमेल आइडी prabhatkhabarsup@gmail.com पर अपना संदेश दे सकते हैं.
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