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मरीज हैं हलकान

सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष में नहीं है दवा सदर अस्पताल की व्यवस्था में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है. स्थिति यह हे कि अस्पताल के प्रसव कक्ष से लेकर इमरजेंसी कक्ष तक दवाओं का घोर अभाव है. जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सुपौल : निरंकुश हो चुके स्वास्थ्य […]

सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष में नहीं है दवा

सदर अस्पताल की व्यवस्था में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है. स्थिति यह हे कि अस्पताल के प्रसव कक्ष से लेकर इमरजेंसी कक्ष तक दवाओं का घोर अभाव है. जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
सुपौल : निरंकुश हो चुके स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बूते सदर अस्पताल की व्यवस्था में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है. जिले के 23 लाख लोगों के स्वास्थ्य का जिम्मा संभालने वाले इस अस्पताल की स्थिति दिन ब दिन बद से बदतर होती जा रही है.विभागीय उदासीनता की वजह से बदहाल बने इस अस्पताल में उपचार कराने पहुंचने वाले मरीजों की तनिक भी चिंता विभागीय अधिकारियों को नहीं है. नतीजतन यहां उपचार के लिए पहुंचने वाले मरीजों को केवल निराशा ही हाथ लगती है. ताजा स्थिति यह हे कि अस्पताल के प्रसव कक्ष से लेकर इमरजेंसी कक्ष तक दवाओं का घोर अभाव है.
दवा के अभाव में यहां पहुंचने वाले मरीजों का समुचित उपचार नहीं हो पाता है.यही वजह है कि हाल के दिनों में सदर अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में कमी दर्ज की जा रही है.अस्पताल में व्याप्त कुव्यवस्था का लाभ उठा कर कई दलाल सरीखे लोग मालामाल हो रहे हैं.जबकि विभागीय अधिकारी व जिला प्रशासन सब
कुछ जान कर भी अनजान बना
हुआ है.
प्रसूताओं को बाजार से दवा खरीदने की है विवशता : सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष में इन दिनों जेनरल दवा के साथ-साथ जीवन रक्षक दवाओं का घोर अभाव बना हुआ है. संस्थागत प्रसव के लिए सदर अस्पताल पहुंचने वाली प्रसूताओं के परिजनों को प्रसव कक्ष में तैनात कर्मी प्रवेश करने के साथ ही दवाओं की लिस्ट थमाते हुए बाजार से दवा क्रय कर लाने का निर्देश देती हैं.
बाजार से दवा खरीद कर लाने के बाद ही प्रसूता का उपचार प्रारंभ हो पाता है. यह स्थिति तब है जब जिले के 11 प्रखंड क्षेत्र स्थिति पीएचसी एवं एपीएचसी से भी गंभीर स्थिति में यहां के लिए रेफर कर भेजा जाता है. कुछ यही स्थिति सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष की भी है. सड़क हादसे या किसी महामारी से पीड़ित मरीज को जब उपचार के लिए इमरजेंसी कक्ष लाया जाता है तो उपचार प्रारंभ होने से पूर्व कंपाउंडर द्वारा बाजार से दवा खरीद कर लाने का निर्देश दिया जाता है.
रोगी कल्याण समिति दवा खरीद में गंभीर नहीं
सदर अस्पताल स्थित प्रसव कक्ष और इमरजेंसी कक्ष के सेवा के लिए विभागीय स्तर पर दवा मुहैया करवाया जाता है.साथ ही रोगी कल्याण समिति के मद से 15 हजार रुपये तक की दवा खरीदने का अधिकार रोगी कल्याण समिति को है. लेकिन विडंबना यह है कि एक ओर जहां विभागीय स्तर पर दवा खरीद मामले के जांच में रहने के कारण पर्याप्त दवा उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है. जिससे रोगियों को परेशानी होती है. तो रोगी कल्याण समिति भी दवा खरीद करने के प्रति गंभीर नहीं दिख रही है. जबकि यह स्थिति विगत चार-पांच माह से बनी हुई है.
सदर अस्पताल में जो भी दवा उपलब्ध है, वह मरीजों को दिया जा रहा है. जो दवा उपलब्ध नहीं है, बाहर से खरीद कर लाना ही पड़ेगा. दवा के संबंध में वरीय अधिकारियों को पूर्व में ही कई बार सूचित किया गया है.
डॉ एनके चौधरी, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल

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