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जिला प्रशासन के रवैये का शिकार बन रहे प्रतिभागी

सुपौल : कार्यपालक सहायक के चयन को लेकर बीते दिनों सभी प्रक्रिया पूरी करने के उपरांत चयन समिति द्वारा मेधा सूची जारी किया गया था. परीक्षा में हुई धांधली के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा उक्त प्रक्रिया को निरस्त कर अब नये सिरे से प्रक्रिया प्रारंभ किये जाने का रास्ता साफ कर दिया है, लेकिन परीक्षा […]

सुपौल : कार्यपालक सहायक के चयन को लेकर बीते दिनों सभी प्रक्रिया पूरी करने के उपरांत चयन समिति द्वारा मेधा सूची जारी किया गया था. परीक्षा में हुई धांधली के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा उक्त प्रक्रिया को निरस्त कर अब नये सिरे से प्रक्रिया प्रारंभ किये जाने का रास्ता साफ कर दिया है,

लेकिन परीक्षा में सफल हुए प्रतिभागियों ने परिणाम आने के उपरांत जहां खुशी का इजहार कर रहे थे. वहीं कुछ दिन बाद ही जिला प्रशासन द्वारा परिणाम को निरस्त कर दिये जाने से प्रतिभागियों में आक्रोश का माहौल देखी जा रही है. इस परीक्षा में सफल रहे अभ्यर्थियों ने जिला प्रशासन पर प्रतिभागियों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. इस मामले पर जिला प्रशासन द्वारा जारी सूची में शामिल अभ्यर्थियों ने गुरुवार को समाहरणालय पहुंच प्रदर्शन करते हुए डीएम के समझ अपना दर्द बयां किया.

परीक्षा में बरती गयी धांधली तो क्यों किया मेधा सूची का प्रकाशन
परीक्षा में सफल रहे प्रतिभागियों का कहना था कि चयन समिति द्वारा औपबंधिक मेधा सूची का प्रकाशन किया गया. उसके उपरांत कुछ प्रतिभागियों द्वारा उक्त मेधा सूची पर आपत्ति जतायी गयी. इस बात की जानकारी जिला प्रशासन को भी थी. बावजूद इसके जिला प्रशासन द्वारा अंतिम मेधा सूची का प्रकाशन भी कर दिया गया. इसका प्रमाण भी सामने हैं
कि चयन समिति द्वारा लिखित परीक्षा व टाइपिंग टेस्ट लेने के उपरांत 354 प्रतिभागियों को औपबंधिक मेधा सूची में शामिल किया गया. कई अभ्यर्थियों द्वारा औपबंधिक मेधा सूची पर आपत्ति जताये जाने के बाद प्रशासन सजग हुए और विचारोपरांत अंतिम मेधा सूची प्रकाशित कर 519 प्रतिभागियों को सफल घोषित कर दिया.
सवालों के घेरे में है जिला प्रशासन
कार्यपालक सहायक के लिए चयनित प्रतिभागियों का कहना था कि अगर औपबंधिक मेधा सूची बनाने में संबंधितों द्वारा अनियमितता बरती गयी तो फिर अंतिम मेधा सूची प्रकाशन किया जाना जिला प्रशासन के लिए एक सवाल है. साथ ही यह प्रश्न उठना भी लाजिमी है कि चयन समिति व जिला प्रशासन की गलतियों का खामियाजा निर्दोष अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ रहा है. समाहरणालय पहुंचे प्रतिभागियों ने बताया कि मेधा सूची में शामिल हुए
अभ्यर्थियों के जीवन के साथ जिला प्रशासन द्वारा इस तरह का खिलवाड़ किया जायेगा तो वे सभी उग्र होकर समाहरणालय द्वार पर अनिश्चितकालीन आंदोलन करने पर बाध्य होंगे. मौके पर उपस्थित अशोक कुमार सुमन, चंद्रमणी चौधरी, सुनील कुमार, राम कृष्ण शरण, मो शाहिद इकबाल, राहुल कुमार, राजेश कुमार मेहता, कृति सागर, नेहा कुमारी, जुही कुमारी, सीमा कुमारी, राम लाल साह, तनीषा कुमारी आदि उपस्थित थे.

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