21 दिसंबर को आग में झुलसने से हुए थे जख्मी
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फर्द बयान के आधार पर दर्ज हुई प्राथमिकी
21 दिसंबर को आग में झुलसने से हुए थे जख्मी 22 दिसंबर को पटना पुलिस के समक्ष दिया बयान 25 दिसंबर को अपोलो अस्पताल में उपचार के दौरान हुई मौत पुलिस को दिये बयान में पेट्रोल छिड़क कर आग लगाने का लगाया आरोप सुपौल : जिला मुख्यालय स्थित विद्यापुरी मुहल्ले में आग में झुलस कर […]
22 दिसंबर को पटना पुलिस के समक्ष दिया बयान
25 दिसंबर को अपोलो अस्पताल में उपचार के दौरान हुई मौत
पुलिस को दिये बयान में पेट्रोल छिड़क कर आग लगाने का लगाया आरोप
सुपौल : जिला मुख्यालय स्थित विद्यापुरी मुहल्ले में आग में झुलस कर जख्मी हुए एलआइसी अभिकर्ता हरि नारायण चौधरी की मौत पटना में उपचार के दौरान हो गयी. मृत्यु से पूर्व पटना पुलिस के समक्ष जख्मी द्वारा दिये गये बयान के आलोक में सदर थाना में हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गयी है.इसके साथ ही शहर में घटना को लेकर जारी तमाम अटकलों पर विराम लग गया है.हालांकि 25 दिसंबर को जख्मी श्री चौधरी की उपचार के दौरान मौत हो गयी.सदर थाना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले में अनुसंधान प्रारंभ किया है.
21 दिसंबर को हुई थी घटना
बीते 21 दिसंबर के अहले सुबह विद्यापुरी वार्ड नंबर 09 निवासी एलआइसी अभिकर्ता हरि नारायण चौधरी के घर आग लग गयी थी.इस घटना में गृह स्वामी श्री चौधरी गंभीर रूप से झुलस गये थे. उनके बड़े पुत्र एवं अन्य लोगों द्वारा उन्हें उपचार के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया.जहां गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर कर दिया.
वेंटिलेटर से लगायी थी आग
कंकरबाग स्थित अपोलो बर्न हॉस्पीटल में पटना पुलिस के समक्ष दिये बयान में जख्मी श्री चौधरी ने बताया कि 20 दिसंबर की रात वे खाना खा कर अपने कमरे में सोने चले गये. 21 दिसंबर को अहले सुबह करीब 03:00 बजे उनके कमरे के भेंटिलेटर एवं दरवाजे की ओर से पेट्रोल फेंक कर आग लगा दी गयी. घर में आग फैलने के बाद जब बिछावन जलने लगा तो उन्होंने भागने की कोशिश की. लेकिन सहारा इंडिया के पीछे वार्ड नंबर 09 निवासी वैद्यनाथ चौधरी, विकास चौधरी एवं एडीबी बैंक के सामने रोड से पश्चिम निवासी राजा कुमार ने उनके शरीर पर पेट्रोल छिड़क दिया. उनके द्वारा शोर मचाने पर उनके बड़े पुत्र मधुरेंद्र कुमार ने आ कर उन्हें बचाया. लेकिन तब तक वे काफी जल चुके थे.
पुत्र के आते ही तीनों भागे
श्री चौधरी ने पुलिस को दिये बयान में कहा है कि शोर सुन कर जब उनका बड़ा बेटा मधुरेंद्र पहुंचा तो तीनों आरोपी बैद्यनाथ चौधरी, विकास चौधरी एवं राजा कुमार भाग निकले. बताया है कि उनके पुत्र ने तीनों को भागते देखा. वहीं तीनों आरोपियों पर पूर्व में भी जान लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.
पैर के अंगूठे से दिया निशान
दोनों हाथ जले रहने एवं पट्टी बंधे रहने के कारण श्री चौधरी ले पुलिस के समक्ष अपने फर्द बयान को पढ़ कर बायें पैर के अंगूठे से निशान दिया है. पटना पुलिस द्वारा अग्रसारित फर्द बयान के आलोक में सदर थाना पुलिस ने थाना कांड संख्या 06/16 दर्ज कर लिया है. इसमें बैद्यनाथ चौधरी, विकास कुमार एवं राजा कुमार को नामजद आरोपी बनाया गया है. सदर थानाध्यक्ष राम इकबाल यादव ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है.
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