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बिना स्वीकृत पद के ही ले रहे हैं वेतन का लाभ(पेज तीन का लीड)

बिना स्वीकृत पद के ही ले रहे हैं वेतन का लाभ(पेज तीन का लीड) -जिले के किसनपुर प्रखंड में अवैध रूप से पद पर जमे हैं तीन शिक्षक-प्रोन्नति रद्द होने के बाद भी नहीं लौटे मूल विद्यालय- विभागीय अधिकारी व डीडी की मिलीभगत से लाखों की हुई अवैध निकासी प्रतिनिधि, सुपौल जिले के शिक्षा विभाग […]

बिना स्वीकृत पद के ही ले रहे हैं वेतन का लाभ(पेज तीन का लीड) -जिले के किसनपुर प्रखंड में अवैध रूप से पद पर जमे हैं तीन शिक्षक-प्रोन्नति रद्द होने के बाद भी नहीं लौटे मूल विद्यालय- विभागीय अधिकारी व डीडी की मिलीभगत से लाखों की हुई अवैध निकासी प्रतिनिधि, सुपौल जिले के शिक्षा विभाग में कार्यरत अधिकारियों के लिए विभागीय नियम कोई मायने नहीं रखता.अपने निजी लाभ के लिए लोगों की आखों में धूल झोंक कर ये अधिकारी सभी नियम को ताक पर रख कर कार्य को अंजाम दे रहे हैं.इन्हें किसी प्रकार के कार्रवाई का भी भय नहीं है.लोगों की शिकायत पर वरीय अधिकारियों द्वारा कार्रवाई भले ही की जाती हो, लेकिन इसे अमली जामा पहनाने में विभागीय अधिकारी ही बाधक बन जाते हैं.ऐसा ही एक मामला जिले के किसनपुर प्रखंड में उजागर हुआ है.जहां शिक्षा विभाग के अधिकारी तथा निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी की मिलीभगत से बीते तीन वर्षों के दौरान 30 लाख रुपये से अधिक की अवैध रूप से निकासी कर गबन कर लिया गया और विभागीय पदाधिकारी सब कुछ जान कर भी अनजान बने हुए हैं.शिकायत के बाद प्रोन्नति हुई थी रद्द वर्ष 2013 में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी सुल्तान अहमद द्वारा स्थापना समिति की प्रत्याशा में जिले के सात शिक्षकों को अवैध रूप से मैट्रिक प्रशिक्षित से स्नातक प्रशिक्षित में प्रोन्नति दे कर नये विद्यालय में पदस्थापित कर दिया गया.अवैध रूप से प्रोन्नति एवं पदस्थापन के बाद पब्लिक विजिलेंस कमेटी के सचिव अनिल कुमार सिंह द्वारा मामले की शिकायत जिला पदाधिकारी से की गयी.शिकायत के आलोक में मामले के जांचोपरांत सभी सात शिक्षकों के प्रोन्नति को रद्द कर दिया गया.नियमानुसार प्रोन्नति रद्द होने के बाद इन शिक्षकों को अपने मूल विद्यालय में वापस लौट जाना था.लेकिन किसनपुर प्रखंड के तीन शिक्षक आज तक अवैध रूप से जमे हुए हैं.अवैध रूप से ले रहे हैं वेतन का लाभ सरकार एवं विभाग के निर्देश के अनुसार किसी भी कर्मी को बिना पद का भुगतान करना सरकारी राशि के गबन की श्रेणी में आता है.लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी तथा निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी द्वारा इस नियम व निर्देश की अवहेलना की जा रही है.किसनपुर प्रखंड के तीन शिक्षक अवैध प्रोन्नति काल से ही नये पद पर बन कर अवैध रूप से वेतन का लाभ ले रहे हैं, जो गबन की श्रेणी में आता है.इन शिक्षकों के द्वारा अब तक अवैध रूप से 30 लाख से अधिक की निकासी की जा चुकी है.ये हैं अवैध प्रोन्नति पाने वाले शिक्षक तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा मैट्रिक प्रशिक्षित से स्नातक प्रशिक्षित में प्रोन्नति प्राप्त करने वालों में उर्दू मध्य विद्यालय कटहारा-कदमपुरा के शिक्षक मो शौकत अली, मध्य विद्यालय नरही के सत्य नारायण कामती एवं मध्य विद्यालय अभुआड़ के शिक्षक उदय कुमार झा शामिल हैं.डीइओ द्वारा प्रोन्नति दे कर मो शौकत अली को उर्दू मध्य विद्यालय मधुरा राजपुर, सत्य नारायण कामती को मध्य विद्यालय फुलकाहा एवं उदय कुमार झा को मध्य विद्यालय श्रीपुर-सुखासन में पदस्थापित किया गया था. पद स्वीकृत नहीं, ले रहे हैं वेतन इन शिक्षकों को प्रोन्नति दे कर जिन विद्यालयों में पदस्थापित किया गया और जहां से ये वेतन प्राप्त कर रहे हैं, उस विद्यालय में मैट्रिक प्रशिक्षित का पद ही स्वीकृत नहीं है.चौंकाने वाली बात यह है कि मो शौकत अली का भुगतान मध्य विद्यालय मधुरा से हो रहा है.यहां मैट्रिक प्रशिक्षित का पद स्वीकृत नहीं है.सबसे मजेदार बात यह है कि स्नातक प्रशिक्षित का दो पद स्वीकृत है. जिसके विरुद्ध शिव शंकर गुप्ता और प्रवीण कुमार नामक शिक्षक पदस्थापित हैं और अपना वेतन प्राप्त कर रहे हैं.कमेटी ने की कार्रवाई की मांग पब्लिक विजिलेंस कमेटी के सचिव अनिल कुमार सिंह ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, निदेशक प्राथमिक शिक्षा, आयुक्त कोसी प्रमंडल, जिला पदाधिकारी, क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक से इस मामले की जांच करवा कर दोषी पदाधिकारी एवं शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई का अनुरोध किया है.पत्र में श्री सिंह ने कहा है कि बीते तीन वर्षों से विभागीय पदाधिकारियों की मिलीभगत से ही इन शिक्षकों द्वारा अवैध रूप से वेतन का लाभ लिया जा रहा है.उन्होंने दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग किया है. इस संबंध में जानकारी नहीं थी.मामला संज्ञान में आने के बाद उक्त शिक्षकों से साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा गया.लेकिन उनके द्वारा पद पर बने रहने संबंधी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया.इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी से मार्ग दर्शन प्राप्त कर कार्रवाई की जायेगी. रामचंद्र यादव, बीइओ, किसनपुर जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, संबंधितों के विरुद्ध समुचित कार्रवाई की जायेगी. मो जाहिद हुसैन, डीइओ, सुपौल

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