पिपरा : लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर सरकार द्वारा प्रखंड मुख्यालय के अलावा क्षेत्र में 22 उपस्वास्थ्य केंद्र व दो अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की गयी है. ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया कराया जा सके. प्रखंड अंतर्गत 16 पंचायतों में 25 स्वास्थ्य केंद्र भले ही कागज के पन्नों पर बहुत ज्यादा दिखते हों.,लेकिन हकीकत यही है कि अधिकांश स्वास्थ्य केंद्र व उप केंद्र भगवान भरोसे ही चल रहा है.
कारण, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को छोड़ कर किसी भी स्वास्थ्य केंद्र या उप केंद्र पर चिकित्सक नहीं है. उपरोक्त स्वास्थ्य केंद्रों व उप केंद्रों पर एएनएम की पदस्थापना जरूर की गयी है, लेकिन वो भी सिर्फ नाम का है, क्योंकि उनका आना और न आना उनकी मरजी पर निर्भर करता है. ऐसी कुछ स्थिति प्रखंड क्षेत्र के महेशपुर पंचायत स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र का है. इस स्वास्थ्य उप केंद्र पर लगभग 15 हजार आबादी के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी है.
बावजूद यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति बदहाल है, क्योंकि यहां पर पदस्थापित चिकित्सक के नाम पर मात्र एक एनएम हैं, जो अधिकांश समय गायब ही रहती हैं. भूपेंद्र चौधरी बताते है कि उपस्वास्थ्य केंद्र नहीं रहने के बराबर है. इस इलाके की लगभग 15 हजार की आबादी के लिए यही एक मात्र स्वास्थ्य उपकेंद्र है. अस्पताल की जर्जर स्थिति और बदहाल चिकित्सा व्यवस्था से यहां के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.मो जफरुल अंसारी कहते है यहां पर चिकित्सा पदाधिकारी की पदस्थापना नहीं होने से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है. यहां से पिपरा पीएचसी आठ किलोमीटर दूर है.
यहां पर पदस्थापित एएनएम भी ज्यादातर अनुपस्थित ही रहती हैं. इसके चलते यहां के मरीजों को छोटी से बीमारी के लिए भी पिपरा पीएचसी जाना पड़ता है. ग्रामीण सत्य नारायण मंडल, सीता देवी ,विश्वनाथ चौधरी आदि की भी यही शिकायत है कि एएनएम ज्यादातर गायब ही रहती हैं. ग्रामीणों का कहना था कि इस संबंध में कई बार चिकित्सा पदाधिकारी पिपरा से मौखिक शिकायत की गयी है. बावजूद एएनएम के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है. इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पिपरा जेपी साह ने कहा कि लिखित शिकायत मिलने पर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.