सुपौल/राघोपुर: सिमराही आजाद चौक पर एनएच 106 के किनारे सर्राफ ज्वेलर्स के प्रोपराइटर संतोष स्वर्णकार पर बुधवार की देर शाम गोली चलाये जाने के बाद आक्रोशित लोगों द्वारा किया गया सड़क जाम, बीडीओ के हस्तक्षेप के बाद देर रात समाप्त हो गया. घटना के बाद से व्यवसायियों के साथ-साथ आम लोगों में भी दहशत व्याप्त है.
अमूमन शाम के समय इस इलाके में भीड़- भाड़ रहती है, बावजूद अपराधियों का गोली चला कर आराम से फरार हो जाना चर्चा का विषय बना हुआ है. घटना के बाद पहुंचे एसडीपीओ डीएन पांडेय ने मामले की तहकीकात की और व्यवसायी से भी पूछताछ किया. वहीं व्यवसायी की दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे को भी खंगाला जा रहा है.
चर्चा में परचा व संतोष मेहता
भाग रहे अपराधियों ने एक परचा भी रास्ते में छोड़ा है. जिसमें लिखा गया है कि ‘रंगबाजी नहीं देने पर सभी बिजनेस मेन का यही हाल होगा, जो आज हुआ है’. नीचे संतोष कुमार मेहता अंकित है. संतोष का नाम एक बार फिर चरचा में आने से खास कर व्यवसायी खौफजदा हैं. क्योंकि 05 जनवरी को सिमराही बाजार में दिनदहाड़े व्यवसायी रघुवीर भगत पर अपराधियों ने गोली चलायी थी, जिसमें संतोष मेहता का नाम सुर्खियों में आया था. संतोष बसंतपुर प्रखंड के सीतापुर गांव का रहने वाला बताया जाता है.
परचे की हकीकत पर उठे सवाल
सूत्रों की मानें तो परचा पूरे घटनाक्रम को उलझाने का एक प्रयास भी हो सकता है. हमले का कारण व्यावसायिक प्रतिद्वंदिता भी हो सकती है. फेंका गया परचा कंप्यूटर से टाइप है और परचे की भाषा से कई तरह के सवाल उठ खड़े होते हैं. जहां तक संतोष मेहता की कार्यशैली का सवाल है, वह भी मेल खाता नजर नहीं आ रहा है. रघुवीर भगत पर गोली चलने से एक रोज पहले मोबाइल से 25 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गयी थी. स्पष्ट है जब सीधा संवाद स्थापित करने के लिए मोबाइल उपलब्ध है, तो कंप्यूटर से टाइप कराने की जरूरत क्यों महसूस होगी. गौरतलब है कि रघुवीर भगत पर गोली चलाने के समय संतोष मेहता के साथ बाइक पर मौजूद वीरपुर निवासी श्रीराम यादव की गिरफ्तारी हो चुकी है. सूत्र बताते हैं कि संतोष ने नेपाल में पनाह ले रखा है.