सरायगढ़. प्रखंड क्षेत्र में अब तक धान अधिप्राप्ति शुरू नहीं होने से किसानों को घाटे का सौदा करना पड़ रहा है. क्रय केंद्र नहीं खुलने के कारण किसान धान को खुले बाजार में कौडि़यों के भाव बेचने को विवश हैं. राज्य सरकार के प्रत्येक प्रखंड में धान क्रय केंद्र खोलने की घोषणा छलावा साबित हो रही है. स्थानीय किसान अनिरुद्ध यादव, सुरेंद्र मुखिया, सूबेलाल यादव, महेंद्र यादव, राजेंद्र मुखिया, मो हकीम आदि ने बताया कि किसानों की हालत बदतर है. गेहूं की फसल लगाने के लिए किसानों को काफी पूंजी की आवश्यकता होती है, लिहाजा किसान धान की फसल बेच कर उस राशि को गेहूं की खेती में लगाते हैं. किसानों ने नाराजगी व्यक्त करते कहा कि सरकार के लाख दावों के बावजूद प्रत्येक वर्ष सरकारी स्तर पर धान की खरीद में विलंब की जाती है, जिसके कारण व्यवसायी व बिचौलिये मुनाफा कमाते हैं. मिली जानकारी अनुसार सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड में सरकार द्वारा 44 मैट्रीक टन धान क्रय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें पैक्स के माध्यम से 3536 एमटी तथा बिहार राज्य खाद्य निगम के माध्यम से 864 एमटी धान क्रय किया जाना है. बीडीओ विनोद कुमार ने बताया कि क्रय केंद्र खोलने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है. क्रय केंद्र प्रभारी की प्रतिनियुक्ति भी कर दी गयी है. बीइओ मनोहर कुमार को धान क्रय का प्रभार दिया गया है. तीन-चार दिनों में धान की खरीद प्रारंभ हो जायेगी.
नहीं प्रारंभ हुई धान अधिप्राप्ति, किसान परेशान
सरायगढ़. प्रखंड क्षेत्र में अब तक धान अधिप्राप्ति शुरू नहीं होने से किसानों को घाटे का सौदा करना पड़ रहा है. क्रय केंद्र नहीं खुलने के कारण किसान धान को खुले बाजार में कौडि़यों के भाव बेचने को विवश हैं. राज्य सरकार के प्रत्येक प्रखंड में धान क्रय केंद्र खोलने की घोषणा छलावा साबित हो […]
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