अमरेंद्र, सुपौल : नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में कोसी कछार पर बसा सुपौल जिला आर्थिक मामलों में पिछड़ा रहा है. जिले की शिक्षा दर भी राज्य स्तर पर काफी निचले पायदान पर है. वर्ष 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक सुपौल जिले की कुल साक्षरता दर 57.67 प्रतिशत है. जिसमें 69.62 प्रतिशत पुरुष एवं 44.77 प्रतिशत महिलाएं साक्षर हैं. हालांकि बीते नौ वर्षों में शिक्षा के प्रति लड़कियां व महिलाएं जागरूक हुई हैं.
Advertisement
शिक्षा के प्रति बालिकाओं की बढ़ी ललक शैक्षणिक संस्थान व संसाधनों का है टोटा
अमरेंद्र, सुपौल : नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में कोसी कछार पर बसा सुपौल जिला आर्थिक मामलों में पिछड़ा रहा है. जिले की शिक्षा दर भी राज्य स्तर पर काफी निचले पायदान पर है. वर्ष 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक सुपौल जिले की कुल साक्षरता दर 57.67 प्रतिशत है. जिसमें 69.62 प्रतिशत पुरुष एवं 44.77 […]
सरकार द्वारा चलायी जा रही साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति आदि योजनाओं के कारण भी बालिकाओं की शिक्षा के प्रति रूची बढ़ी है. स्कूलों में पहले की तुलना में छात्राओं की तादात में बेहद बढ़ोतरी हुई है. सुबह होते ही शहर की सड़कों पर साइकिल से विद्यालय व कई ट्यूशन सेंटर की ओर फर्राटे मारती लड़कियों का उत्साह और आत्मबल उनकी शिक्षा के प्रति बढ़ी ललक का परिचायक है.
शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाएं भी शिक्षा की ओर जागरूक हुई है. नतीजा है कि इन वर्षों में बालिका शिक्षा दर में भी बढ़ोतरी हुई है. लड़कियां मैट्रिक, इंटर व अन्य परीक्षाओं में लड़कों से ना सिर्फ बराबरी कर रही है. बल्कि कई क्षेत्रों में उन्हें भी पीछे छोड़ कर आगे निकल रही है.
खेल व विभिन्न प्रकार की प्रतिस्पर्धाओं के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में भी जिले की बालिकाएं उत्कृष्ट सफलता हासिल कर जिले का नाम रौशन कर रही है. उनका मानना है कि सरकार व समाज द्वारा उन्हें सहयोग व प्रश्रय मिलती रहे तो वे आसमान की ऊंचाईयों को भी पल भर में हासिल कर सकती हैं.
छात्राओं की संख्या के अनुपात में नहीं हैं शैक्षणिक संस्थान : यह दीगर बात है कि बालिकाओं के ऊंचे हौसले व जज्बात के बावजूद जिले में बालिका शिक्षा की सुविधाएं आज भी न्यूनतम है. जिला मुख्यालय में मात्र एक बालिका उच्च विद्यालय है.
वहीं पूरे जिले में बालिका उच्च विद्यालयों की संख्या मात्र 07 है. वहीं छात्रों के लिये जिले में कुल 131 उच्च विद्यालय हैं. जबकि सही मायनों में वर्तमान परिवेश में छात्राओं की संख्या छात्रों के बराबर हो चुकी है. जो मैट्रिक व इंटर में फॉर्म भरने के आंकड़ों से समझा जा सकता है.
जिला मुख्यालय में मात्र एक महिला महाविद्यालय है. उक्त महाविद्यालय का भी करीब तीन दशक बीत जाने के बावजूद भी सरकारीकरण नहीं किया गया. जो महिला शिक्षा के प्रति सरकारी शैक्षणिक व्यवस्था की उपेक्षा को दर्शाता है. जो बालिका विद्यालय व महाविद्यालय हैं भी, उनमें शिक्षक व कर्मियों का घोर अभाव है.
जिला मुख्यालय स्थित बवि बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय में कुल छात्राओं की संख्या 1720 है. जबकि शिक्षकों की संख्या मात्र 12 है. इसी प्रकार अन्य बालिका विद्यालयों में भी शिक्षकों की कमी है. जो शिक्षक हैं भी, उनमें महिला शिक्षिका काफी कम है. जबकि सरकार द्वारा 40 विद्यार्थी पर एक शिक्षक देने का दावा किया जाता है.
विपरीत परिस्थितियों में भी बेहतर प्रदर्शन कर रहीं छात्राएं
समुचित सुविधाओं की किल्लत के बावजूद जिले की बेटियां विभिन्न क्षेत्रों में अव्वल आ रही है. बवि बालिका उच्च विद्यालय की प्रधानाध्यापिका नीतू सिंह ने बताया कि शिक्षक व संसाधन की कमी के बावजूद विद्यालय की छात्राएं कई क्षेत्रों में जिला व राज्य स्तर पर अव्वल आ रही है.
इंटर कला में यहां की छात्रा सलमा प्रवीण ने छात्र-छात्रा दोनों वर्गों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया. पल्लवी कुमारी ने विज्ञान के क्षेत्र में राज्य स्तर पर जिले का नाम रौशन किया.
कप्तान रूपम कुमारी के नेतृत्व में फुटबॉल बालिका टीम ने राज्य स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया. रग्बी में कैप्टेन साक्षी कुमारी के नेतृत्व में छात्राओं ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन किया. सिमरन एवं साथी ने राज्य स्तरीय युवा महोत्सव में समूह लोक नृत्य में तृतीय स्थान हासिल किया. विद्यालय की छात्रा वर्तिका एवं रितिका ने निबंध प्रतियोगिता में प्रथम एवं द्वितीय स्थान हासिल किया.
युवा महोत्सव में अंशु कुमारी ने हस्तसिल्पकला में जिले का नाम रौशन किया. एनसीसी की छात्रा कैडेटों ने भी जिला स्तर पर स्वच्छता, दहेज प्रथा, नशा मुक्ति, जल जीवन हरियाली, अपदा प्रबंधन आदि में बढ़-चढ़ कर भाग लिया. जो बालिकाओं के आगे बढ़ने के हौसले को दर्शाता है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement