अशोक, सुपौल : कृषि आधारित जिले के किसानों के लिए सरकार की ओर से कई दावे किये जा रहे हैं. किसानों को ससमय उनके पैदावार का अधिकतम समर्थन मूल्य पर अनाज की अधिप्राप्ति हो इसके लिए सरकार की ओर से स्थानीय स्तर के अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश जारी किये जाते रहे हैं.
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केंद्रों पर नहीं हो रही गेहूं की खरीद, खुले बाजार में बेचने को मजबूर हो रहे किसान
अशोक, सुपौल : कृषि आधारित जिले के किसानों के लिए सरकार की ओर से कई दावे किये जा रहे हैं. किसानों को ससमय उनके पैदावार का अधिकतम समर्थन मूल्य पर अनाज की अधिप्राप्ति हो इसके लिए सरकार की ओर से स्थानीय स्तर के अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश जारी किये जाते रहे हैं. लेकिन स्थानीय स्तर […]
लेकिन स्थानीय स्तर के अधिकारियों की किसानों के प्रति दिलचस्पी नहीं रहने के कारण सरकार की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है.
वहीं किसानों को अपने अनाज का सही दाम नहीं मिलने के कारण कई प्रकार की कठिनइयों का सामना करना पड़ता है. जिले में गेहूं अधिप्राप्ति सरकार द्वारा निर्धारित तिथि के एक माह एक सप्ताह बाद प्रारंभ की गई.
लिहाजा जिले के लाखों किसानों द्वारा पैदावार की गई गेहूं की अधिप्राप्ति नहीं हो सकी और किसानों ने गेहूं अधिप्राप्ति शुरू होने से पूर्व ही दलहन की खेती के लिए अपना अनाज खुले बाजार में कम कीमत पर बेच दिया.
वहीं जिले में सरकार द्वारा गेहूं अधिप्राप्ति के लिए निर्धारित लक्ष्य 02 हजार एमटी की जगह मात्र 430.82 एमटी गेहूं ही खरीद
की जा सकी.
02 हजार एमटी की जगह खरीदी गई 430.82 एमटी गेहूं
जानकारी अनुसार जिले में गेहूं अधिप्राप्ति 01 अप्रैल 2019 से 30 जून 2019 तक कि तिथि निर्धारित किया गया था. जहां विभाग से जिले के किसानों की गेहूं अधिप्राप्ति का 02 हजार एमटी लक्ष्य रखा गया है. जिसका अधिकतम समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 1840 रूपये निर्धारित किया गया है.
प्रति रैयत किसान पैक्स या व्यापार मंडल स्थित क्रय केंद्र पर अधिकतम 150 क्विंटल एवं गैर रैयत किसान 50 क्विंटल गेहूं बेच सकते हैं. इसके लिए किसानों को धान अधिप्राप्ति की तरह ही अपना पंजीयन भी कराया था. लेकिन जिले भर में मात्र 81 किसान से 430.82 एमटी गेहूं की खरीद की जा सकी.
राघोपुर में अधिकतम 151.5 एमटी गेहूं की खरीद
राघोपुर प्रखंड के 07 पैक्स पर 23 किसानों से अधिकतम 151.5 एमटी गेहूं की खरीद की गयी. वहीं सबसे न्यूनतम प्रतापगंज प्रखंड के 01 पैक्स पर एक किसान का 2.5 एमटी गेहूं की खरीद की गयी.
इसी प्रकार बसंतपुर प्रखंड के दो पैक्स केंद्र पर 05 किसान से 27 एमटी, छातापुर प्रखंड के 04 पैक्स एवं एक व्यापार मंडल पर 06 किसान से 26.82, किसनपुर प्रखंड के 03 पैक्स पर 05 किसान से 27 एमटी, पिपरा प्रखंड के 05 पैक्स एवं एक व्यापार मंडल पर 05 किसान से 27 एमटी, सरायगढ़-भपटियाही के 05 पैक्स पर 06 किसान से 24 एमटी, सदर प्रखंड के 05 पैक्स एवं 01 व्यापार मंडल पर 26 किसान से 118 एमटी एवं त्रिवेणीगंज प्रखंड के 04 पैक्स पर 04 किसान से 27 एमटी गेहूं की खरीद की गयी.
41 पैक्स व 04 व्यापार मंडल पर खरीदा गेहूं
जिले में 08 मई 2019 से चयनित 41 पैक्स व 04 व्यापार मंडल स्थित क्रय केंद्र पर निर्धारित तिथि 30 जून 2019 तक गेहूं अधिप्राप्ति की गई. 11 व्यापार मंडल में से सुपौल, निर्मली, पिपरा एवं छातापुर व्यापार मंडल केंद्र पर गेहूं की अधिप्राप्ति की गई. जिले में 181 पैक्स में 106 पैक्स पर पीडीएस संचालित है. लिहाजा सरकारी प्रावधान के अनुसार इन पैक्स को गेहूं अधिप्राप्ति का आदेश नहीं दिया गया. वहीं 75 पैक्स में से मात्र 41 पैक्स को गेहूं अधिप्राप्ति के लिए केंद्र बनाया गया.
दलहन की खेती के लिए किसान खुले बाजार में बेच दिये गेहूं
रबी फसल की तैयारी के बाद किसानों के गेहूं की अधिप्राप्ति की घोषणा सरकार ने किया था. जिले में पैक्स व व्यापार मंडल के माध्यम से 01 अप्रैल 2019 से धान अधिप्राप्ति किया जाना था. लेकिन काफी देर से गेहूं अधिप्राप्ति शुरू की गई. वह भी जिले में मात्र 45 केंद्रो पर गेहूं की खरीद शुरू की जा सकी. किसान दलहन की खेती के लिए अपने पैदावार को बाजार में कम कीमत पर बेच चुके थे.
उनके पास पैक्स या व्यापार मंडल पर गेहूं बेचने के लिए कुछ बचा ही नहीं था. बताया जाता है कि दलहन की खेती के लिए किसानों को रबी फसल से भी अधिक मेहनत करना पड़ता है. दलहन की खेती के लिए किसानों को अन्य फसल की तुलना में खेतों की सिंचाई एवं पटवन अधिक करना पड़ता है. जिसके कारण उन्हें मजबूरन बाजार में कम कीमत पर अपनी पैदावार बेच देनी पड़ी.
मरौना व निर्मली में नहीं हुई गेहूं खरीद
किसानों के गेहूं की खरीद के लिये विभाग के अधिकारी, पैक्स व व्यापार मंडल कितने लापरवाह हैं, इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि निर्मली एवं मरौना प्रखंड में हजारों किसानों में से 01 भी किसानों का गेहूं नहीं खरीद की जा सकी. जबकि विभाग द्वारा मरौना के 01 एवं निर्मली के 04 पैक्स तथा एक व्यापार मंडल को गेहूं अधिप्राप्ति के लिये केंद्र बनाया गया था.
कहते हैं अधिकारी
गोदाम खाली नहीं रहने एवं लोकसभा चुनाव को लेकर गेहूं अधिप्राप्ति में कुछ देरी हुई. लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकी इसके पीछे किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित गेहूं का मूल्य किसान को बनिया के द्वारा घर पर ही दे दिया गया. जिस कारण किसान पैक्स पर नहीं पहुंचे. किसानों को उनके उपज का अधिकतम मूल्य प्राप्त हो इसके लिए विभाग सतत प्रत्यनशील है.
अरविंद पासवान, जिला सहकारिता पदाधिकारी, सुपौल
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