सुपौल : रेल प्रशासन द्वारा गढ़बरूआरी से सुपौल रेलवे स्टेशन के बीच अमान परिवर्तन का कार्य अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है. हालांकि इन दोनों स्टेशनों के बीच रेल की पटरी गिराने के बाद अब उसका इनलाइनमेंट का कार्य प्रारंभ किया गया है. इसे लेकर सोमवार को सड़क के रास्ते रेलवे विभाग का एक ट्रक जिसके अंदर दो ट्रॉलियों को लाया गया था, उसे देखने को भीड़ जमा हो गयी.
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दो से तीन महीने में सुपौल तक बड़ी रेल लाइन की ट्रेन चलने की है संभावना
सुपौल : रेल प्रशासन द्वारा गढ़बरूआरी से सुपौल रेलवे स्टेशन के बीच अमान परिवर्तन का कार्य अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है. हालांकि इन दोनों स्टेशनों के बीच रेल की पटरी गिराने के बाद अब उसका इनलाइनमेंट का कार्य प्रारंभ किया गया है. इसे लेकर सोमवार को सड़क के रास्ते रेलवे विभाग का एक […]
ट्रक के साथ आये रेलवे के तकनीशियन के अनुसार ट्रक के साथ लाये गए दोनों ट्राली के माध्यम से पहले से स्टेशन तक बिछाई गयी रेल पटरियों का इनलाइनमेंट किया जायेगा. इस क्रम में पटरियों के बीच की दूरी का बारीकी से निरीक्षण के उपरांत जरूरत अनुसार रेल पटरी की मरम्मत और जोड़ने का काम किया जायेगा.
विभागीय कर्मियों द्वारा पटरियों की इंटरलॉकिंग का काम भी किया जा रहा है. स्थल पर मौजूद रेलवे विभाग के अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि गढबरूआरी से सुपौल तक का पिछले दिनों स्वयं मुख्य अभियंता के द्वारा किये गये निरीक्षण के दौरान सुपौल तक परिचालन व्यवस्था को गति प्रदान करने का जो भरोसा दिया गया था, उसी के आलोक में इसकी शुरुआत की जा रही है.
मालूम हो कि पिछले दिनों सुपौल रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के दौरान मुख्य अभियंता ने पत्रकारों को जानकारी दी थी कि दो से तीन महीनों के भीतर प्रथम चरण में सुपौल और दूसरे चरण में सरायगढ़-भपटियाही तक रेल परिचालन की संभावना सुनिश्चित किया जायेगा.
लोगों की उम्मीद पर फिर रहा पानी :
मालूम हो कि वर्ष 2003 में इस रेलखंड में कोसी महासेतु एवं अमान परिवर्तन का शिलान्यास हुआ था. तब छह वर्षों में इस रेलखंड का कार्य पूर्ण करने का दावा किया गया था. लेकिन 16 साल बीत जाने के बाद भी अमान परिवर्तन कार्य पूरा नहीं हो पाया है. जिससे जिलावासी लंबे समय से रेल यातायात की सुविधा से महरूम हैं. गत कुछ दिनों से सियासतदानों द्वारा चुनाव से पूर्व बड़ी रेल लाइन निर्माण कार्य पूर्ण कर लिये जाने का विश्वास लोगों को दिलाया गया था.
लेकिन चुनाव प्रक्रिया अब संपन्न होने के करीब है, सहरसा से सुपौल जिला मुख्यालय तक भी बड़ी रेल लाइन का निर्माण व ट्रेनों का परिचालन नहीं शुरू हो पाया, जिससे आम जिलावासियों में काफी असंतोष व्याप्त है.
प्लेटफाॅर्म निर्माण कार्य अब तक अधूरा
एक तरफ जहां रेलवे विभाग द्वारा समय-समय पर सहरसा-फारबिसगंज रेलखंड में अमान परिवर्तन कार्य शीघ्र पूरा करने एवं बड़ी रेल लाइन की ट्रेनों का परिचालन प्रारंभ करने की बातें कही जाती रही है. वहीं दूसरी ओर निर्माण कार्य की सरजमीनी हकीकत इससे काफी इतर है.
जिला मुख्यालय स्थित रेलवे स्टेशन के प्लेटफाॅर्म का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो पाया है. निर्माणाधीन प्लेटफाॅर्म पर अब तक शेड का भी निर्माण नहीं हो पाया है. वहीं प्लेटफाॅर्म का पक्कीकरण व अन्य आवश्यक सुविधा बहाल करना बांकी है. सिग्नल आदि का काम तो अब तक प्रारंभ भी नहीं हुआ है.
नहीं पूरा हुआ रेल विभाग का दावा
हालांकि गत 01 मार्च को सहरसा से गढ़बरूआरी स्टेशन तक पैसेंजर ट्रेन का परिचालन प्रारंभ करने से पूर्व डीआरएम आरके जैन बरूआरी स्टेशन पहुंचे थे तो उन्होंने अगले 30 दिनों में बरूआरी से सुपौल बड़ी रेल लाइन अमान परिवर्तन का कार्य पूर्ण करने का दावा किया था.
यह दीगर बात है कि डीआरएम द्वारा घोषित समय सीमा बीत जाने के बाद भी सुपौल रेलवे स्टेशन तक अमान परिवर्तन का काम पूर्ण नहीं हो पाया है और ना ही ट्रेनों का परिचालन प्रारंभ किया जा सका. जिससे आमलोगों में असंतोष का माहौल व्याप्त है.
ब्लास्ट भरना है बांकी
जानकारों की मानें तो अमान परिवर्तन के लिये बिछाई गयी पटरियों के बीच ब्लास्ट भरना आवश्यक है. ताकि पटरियों के आधार को मजबूत कर उस पर भारी भरकम बड़ी रेल लाइन की ट्रेनों का आवागमन संभव हो सके. लेकिन सुपौल रेलवे स्टेशन व आसपास के क्षेत्र में ब्लास्ट भरने का काम अब तक शुरू भी नहीं हो पाया है.
जानकारी अनुसार फिलहाल बरूआरी से एकमा रेलवे स्टेशन के बीच ब्लास्ट भरने का काम चल रहा है. जिसे पूरा करने के बाद सुपौल की ओर यह कार्य प्रारंभ किया जायेगा.
नयी रेलवे क्रॉसिंग का निर्माण अधर में
नये प्लेटफाॅर्म निर्माण के बाद वर्तमान दक्षिणी रेलवे क्रॉसिंग को बंद किया जाना है. इसकी जगह वीणा रेलवे क्रॉसिंग से यातायात की सुविधा बहाल की जायेगी. जिसके लिये वर्तमान दक्षिणी रेलवे ढाला से वीणा ढाला तक पटरियों के दोनों ओर सड़क निर्माण आवश्यक है.
ताकि चकला निर्मली व स्टेशन के पूर्वी भाग में मौजूद दर्जनों गांव व टोले के साथ ही सुपौल से सिंहेश्वर-मधेपुरा जाने वाली मुख्य सड़क को इससे जोड़ कर यातायात सुविधा सुलभ की जा सके. लेकिन यह कार्य भी अभी तक अधर में लटका है. फिलवक्त वर्तमान दक्षिणी रेलवे ढाला पर जैसे-तैसे पटरी तो बिछा दी गयी है. लेकिन वाहनों के आवागमन हेतु इन पटरियों पर मिट्टी डाल दिया गया है.
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