सुपौल/पिपरा : पिपरा प्रखंड स्थित रामनगर पंचायत के मध्य विद्यालय कौशलीपट्टी परिसर में आयोजित तीन दिवसीय गोपाष्टमी मेला की तैयारी पूरी कर ली गयी है. मेला कमेटी ने बताया कि मेला का शुभारंभ 28 अक्तूबर को होगा. मेला को लेकर करिगरों द्वारा राधा-कृष्ण, शंकर जी, पार्वती जी, गणेश जी सहित गौ माता की प्रतिमा को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
मेला कमेटी के सदस्यों ने बताया कि कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष के अष्टमी तिथि को मनाये जाने वाले गोपाष्टमी के प्रथम दिन सुबह में गौ माता के पूजन के साथ गोपाष्टमी की शुरुआत की जाती है. ऐसी मान्यता है कि गोपाष्टमी के दिन सुबह में गौ माता को नहलाया जाता है. उसके बाद धूप-दीप, पुष्प, अक्षत, रोली, गुड़, वस्त्र लेकर गौ माता की पूजा-अर्चना की जाती है. वहीं मेला में कमेटी द्वारा रविवार व सोमवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है.
कैसे शुरू हुई पूजा
शास्त्रों के अनुसार कृष्ण भगवान ने मां यशोदा से गौ माता की सेवा करने की इच्छा जाहिर की. उसके बाद मां यशोदा ने शांडिल्य ऋषि को उक्त आशय की जानकारी दी. जिसके बाद ऋषि ने समय देख कर गौ माता की सेवा करने का शुभ दिन देखा. उसके बाद कृष्ण भगवान ने शुभ दिन के अनुसार कार्तिक माह की शुक्लपक्ष अष्टमी के दिन गौ माता को चराने ले जाया गया. गौ माता की सेवा करने से पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने ग्वाला व गाय पालकों के यहां जाकर गौ माता की पूजा-अर्चना की. जहां महिलाओं द्वारा पहले भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है, उसके बाद गौ माता को तिलक लगाती है.
वहीं भगवान श्री कृष्ण द्वारा गौ माता को हरा चारा, गुड़ सहित अन्य सामग्री खिलाकर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. इसलिए गोपाष्टमी के दिन गौ माता की पूजा-अर्चना करने के बाद भगवान श्री कृष्ण उन भक्तों पर खुश होते हैं.