चार दिवसीय त्योहार महा पर्व छठ की तैयारी जिले भर में जोर- शोर से की जा रही है. नहाय-खाय के साथ त्योहार की शुरुआत मंगलवार से प्रारंभ हो जायेगा. इस पूजा का धार्मिक के साथ- साथ वैज्ञानिक, सामाजिक व सांस्कृतिक महत्व भी है.
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नहाय-खाय आज, खरना कल उत्साह. लोक आस्था का त्योहार छठ की तैयारी जोरों पर
चार दिवसीय त्योहार महा पर्व छठ की तैयारी जिले भर में जोर- शोर से की जा रही है. नहाय-खाय के साथ त्योहार की शुरुआत मंगलवार से प्रारंभ हो जायेगा. इस पूजा का धार्मिक के साथ- साथ वैज्ञानिक, सामाजिक व सांस्कृतिक महत्व भी है. सुपौल : लोक आस्था का चार दिवसीय त्योहार छठ की तैयारी जिले […]
सुपौल : लोक आस्था का चार दिवसीय त्योहार छठ की तैयारी जिले भर में जोर- शोर से की जा रही है. नहाय-खाय के साथ त्योहार की शुरुआत मंगलवार से प्रारंभ हो जायेगा. वहीं बुधवार को लोग खरना का प्रसाद खाएंगे. दीपावली के ठीक छह दिन बाद मनाए जाने वाले छठ महापर्व का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है. कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को सूर्य षष्ठी का व्रत करने का विधान है. अथर्ववेद में भी इस पर्व का उल्लेख है. यह ऐसा पूजा विधान है जिसे वैज्ञानिक दृष्टि से भी लाभकारी माना गया है.
ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से की गई इस पूजा से मानव की मनोकामनाएं पूर्ण होती है. छठ त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है. पहली बार चैत महीने में और दूसरी बार कार्तिक महीने में. भगवान सूर्य की उपासना के साथ छठ पर्व की शुरुआत होती है. हिंदू धर्म में किसी भी पर्व की शुरुआत स्नान के साथ ही होती है और यह पर्व भी स्नान यानी नहाय-खाय के साथ होता है.
कार्तिक महीने में छठ मानने का विशेष महत्व है. इस पूजा का धार्मिक के साथ- साथ वैज्ञानिक, सामाजिक व सांस्कृतिक महत्व भी है. ऐसी मान्यता रही है कि छठ पर्व पर व्रत करने वाली महिलाओं को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है. पुत्र की चाहत रखने वाली और पुत्र की कुशलता के लिए सामान्य तौर पर महिलाएं यह व्रत रखती हैं. पुरुष भी पूरी निष्ठा से अपने मनोवांछित कार्य को सफल होने के लिए व्रत रखते हैं.
नहाय खाय के विशेष विधान
पंडित निरंजन झा ने बताया कि छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. इस पूजा के लिए कुछ विधान है. साथ ही श्रद्धालुओं त्योहार के दौरान सावधानियां भी बरतनी चाहिए. उन्होंने बताया कि नहाय-खाय से पूर्व सबसे पहले घर की पूरी साफ-सफाई कर लें. सुबह नदी तालाब, कुआं या चापाकल में नहा कर शुद्ध साफ वस्त्र पहनें. अगर घर के पास गंगा जी हैं तो नहाय खाय के दिन गंगा स्नान जरूर करें. यह बहुत ही शुभ होता है. बताया कि छठ करने वाली व्रती महिला या पुरुष चने की दाल और लौकी शुद्ध घी में सब्जी तैयार करें. साथ ही सब्जी में सेंधा नमक ही डालें. बताया कि बासमती शुद्ध अरवा चावल बनाने के बाद भगवान गणेश व सूर्य को भोग लगाकर व्रती सेवन करें.
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