सरायगढ़ : कोसी नदी की विभीषिका का दंश झेल रहा यह इलाका आजादी के 66 साल बाद भी अपनी वजूद की तलाश में है. वक्त के साथ चौक-चौराहे, गांव की गली व मुहल्ले में सियासी चर्चा जोर पकड़ने लगी है. विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशी व कार्यकर्ता जहां पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र के आधार पर वादों की पोटली खोल रहे हैं, वहीं मतदाता भी क्षेत्र व अपनी-अपनी समस्याओं को चुनावी मुद्दा बनाने लगे हैं. जन सरोकार की कड़ी में प्रभात खबर की मुहिम ‘वोट करें, देश गढ़ें’ के तहत प्रखंड के विभिन्न मतदाताओं से उनकी नजर में उनका सांसद कैसा हो जानने की कोशिश की गयी तो मतदाताओं ने बेबाकी से अपनी मंशा जाहिर की.
बोले लोग
राज किशोर कुमार : राष्ट्रीय हित के साथ-साथ क्षेत्रीय समस्या को सुलझाने की सोच रखनेवाला व क्षेत्र के विकास को अहमियत देनेवाला ही इस पिछड़े क्षेत्र के लोगों के वोट का हकदार होगा. हम लोगों को कोसी की समस्या का स्थायी समाधान चाहिए.
वीरेंद्र कुमार : चरित्रवान, स्वच्छ छवि, ईमानदार व कर्मठ व्यक्ति ही जब इस कोसी पीड़ित इलाके का सांसद बनेगा, तब स्थानीय समस्याओं का समाधान होगा. इसके अलावा महंगाई व भ्रष्टाचार भी लोगों के लिए चुनावी मुद्दा बनेगा.
भूपेंद्र मुखिया : एक दशक से अधिक समय के बाद भी सरायगढ़ व निर्मली रेल महासेतु निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. इसके अलावा हर वर्ष इस इलाके के लोग बाढ़ से प्रभावित होते हैं. इन दोनों दिशा में प्रयास करनेवाला उम्मीदवार ही उनके वोट का हिस्सेदार होगा.
लक्ष्मी मंडल : इस इलाके के 50 फीसदी से अधिक युवा रोजगार के अभाव में बाहरी प्रदेश को पलायन कर रहे हैं. क्षेत्र में उद्योग-धंधे स्थापित करने व रोजगार का सृजन कर पलायन रोक लगानेवाले प्रत्याशी को ही वोट करेंगे.
अशोक कुमार : कोसी की विभीषिका से निजात दिलानेवाला तथा बाढ़ से विस्थापित लोगों को पुनर्वासित करने वाला उम्मीदवार ही सांसद के लिए सुयोग्य होगा.
शुभम भगत : चार वर्ष पूर्व जल मीनार बनाया गया. प्रखंडवासियों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो रहा है. आलम यह है कि आर्सेनिक व आयरनयुक्त पानी पीने को लोग विवश हैं. जो इस दिशा में आम लोगों को राहत दिला सके वहीं सांसद चाहिए.
सुरेश पंडित : यह इलाका आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है. यहां किसान और मजदूर रहते हैं. जिनकी सुननेवाला कोई नहीं है. गरीबों की मजबूरी को समझनेवाला सांसद चाहिए.
सतो यादव : इस इलाके की सबसे बड़ी समस्या गरीबी व बेरोजगारी है. इसकी वजह यह है कि यहां बाढ़ की वजह से हर वर्ष लोग विस्थापित होते हैं. लेकिन इस समस्या के समाधान के प्रति अब तक किसी जनप्रतिनिधि ने रुचि नहीं दिखायी. दरअसल जिसने कोसी की पीड़ा खुद नहीं झेली वह पीड़ितों के दर्द को कैसे समझ सकता है. कोसी पीड़ितों के दर्द को समझनेवाला सांसद चाहिए.
विश्वनाथ मरीक : संसदीय क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं का समाधान करनेवाला ही सांसद चाहिए. अक्सर यह होता है कि चुन कर जानेवाले सांसद अक्सर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन जमीनी समस्या को भूल जाते हैं.
मो सज्जाद : भ्रष्टाचार व घूसखोरी से मुक्ति दिलानेवाला तथा युवाओं के पलायन को रोकने वाला व्यक्ति ही उनका सांसद होगा.मो इसराइल : गरीबी और बेकारी से यहां के लोग परेशान हैं. रोजगार की तलाश में पंजाब और दिल्ली जाते हैं. हम ऐसे व्यक्ति को सांसद चुनेंगे जो गरीबी व बेरोजगारी को दूर करने का प्रयास करेंगे.