सुपौल : मानव समाज को सर्वश्रेष्ठ बनाने और इंसान के भीतर इंसानियत को बरकरार रखने के लिए शौचालय निर्माण व उपयोग आवश्यक है. स्वच्छता एक संवेदनशील सामाजिक मुद्दा है. स्वच्छता खुशहाल जीवन की आधारशिला और मानव की गरिमा है. उक्त बातें कृषि विभाग द्वारा पंचायत भवन एकमा में आयोजित किसान स्वच्छता कार्यशाला को संबोधित करते हुए किसान सलाहकार व स्वच्छता प्रशिक्षक अमन कुमार ने कही. श्री कुमार ने कहा कि शौचालय निर्माण में रुपया महत्वपूर्ण नहीं है.
सरकार निर्माण राशि नहीं बल्कि प्रोत्साहन राशि प्रत्येक परिवार को दे रही है. आम आवाम दाह संस्कार, जन्म दिन, विवाह, भोजन, कपड़ा, दवा आदि का स्वयं तत्काल प्रबंध करते है, लेकिन शौचालय के लिए सरकार को कोसते रहते है.
प्रशिक्षक ने कहा कि दुनिया का एकमात्र देश भारत है. जहां 21वीं सदी में भी जटिल बीमारी को भगवान या खुदा की देन माना जाता है. जिसे हमलोग रोक सकते हैं. केवल मानसिकता बदलने की आवश्यकता है. स्वच्छ और स्वस्थ समाज समृद्ध राष्ट्र की निशानी है. महिलाओं के मान-सम्मान और सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए शौचालय अतिआवश्यक है.
शौचालय संकट से उबरने का एकमात्र साधन है. जल, स्वच्छता और स्वास्थ्य के बीच घनिष्ठ संबंध है. स्वच्छता के सात आयामों को अपना कर ही पंचायत को निर्मल ग्राम पंचायत बनाया जा सकता है. स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य 2019 तक खुले में शौच मुक्त भारत बनाना है. स्वच्छता प्रशिक्षण कार्यशाला में पूर्व मुखिया सुदेश्वर महतो, भाजपा किसान प्रकोष्ट के जिला अध्यक्ष सरोज कुमार झा, इंद्रदन झा, अवध नारायण यादव, तारानंद झा, बद्री यादव, उप मुखिया देवानंद झा,
योगेश्वर प्रसाद यादव, हरेकृष्ण यादव, नागेश्वर यादव, पंकज कुमार झा, बिनोद कुमार झा, बोधनारायण यादव, हरेराम राय, ब्रजकिशोर झा, त्रिवेणी पासवान, अनंत मिश्र, सुनील कुमार सौरव, जयनारायण यादव, राम शुभक चौधरी, जामुन पंडित, युगलकिशोर कामत, शोभालाल कामत आदि उपस्थित थे.