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जिंदगी के साथ सैकड़ों को मिलीं खुशियां

सराहनीय. शराब से बरबाद हो रहे परिवारों का सहारा बना नशामुक्ति केंद्र शराब की लत से छुटकारा मिलने से सैकड़ों की जिंदगी बदली सीवान : सदर अस्पताल कैंपस में मौजूद नशामुक्ति केंद्र के खुले एक वर्ष पूरे हो रहे हैं. सूबे की सरकार के पूर्ण शराबबंदी के आदेश के बाद पीड़ित लोगों के इलाज व […]

सराहनीय. शराब से बरबाद हो रहे परिवारों का सहारा बना नशामुक्ति केंद्र

शराब की लत से छुटकारा मिलने से सैकड़ों की जिंदगी बदली
सीवान : सदर अस्पताल कैंपस में मौजूद नशामुक्ति केंद्र के खुले एक वर्ष पूरे हो रहे हैं. सूबे की सरकार के पूर्ण शराबबंदी के आदेश के बाद पीड़ित लोगों के इलाज व चिकित्सकीय सलाह के लिए नशामुक्ति केंद्र्र की स्थापना हुई. केंद्र की व्यवस्था ऐसे जरूरतमंदों के काम आयी. आखिरकार, यहां शराब की लत से छुटकारा मिलने से सैकड़ों परिवारों की जिंदगी बदल गयी. कल तक शराब के नशे में झूमते परिवार के सदस्यों के चलते घरेलू हिंसा व आर्थिक बरबादी जहां जिंदगी का हिस्सा बन गयी थी, वहां अब इन परिवारों की जिंदगी एक पटरी पर चल पड़ी है.
सरकार ने शराबबंदी लागू करने के बाद अचानक इसकी लत से परेशान लोगों को राहत दिलाने के लिए प्रत्येक जिले के मुख्यालय पर नशामुक्ति केंद्र की स्थापना की थी, जहां वर्ष 2016 के अप्रैल में सबसे अधिक परेशान लोग भरती हुए, जहां नियमित इनका इलाज चला. इससे उन्हें व शराब व अन्य नशे से मुक्ति मिली.
वर्ष भर में 975 लोगों का हुआ इलाज, काउंसेलिंग का भी हुआ काम
493 लोगों की केंद्र पर हुई काउंसेलिंग
नशे से निजात के लिए नशामुक्ति केंद्र पर हर दिन चिकित्सकीय सलाह के लिए आनेवाले लोगों की संख्या भी कम नहीं रही. शुरुआत के अप्रैल के बाद से लगातार तीन महीने तक सबसे अधिक लोग नशे से मुक्ति के लिए काउंसेलिंग कराने आये. इनमें से अधिकांश को बहुत ही राहत मिली. विभाग के मुताबिक यहां कुल 493 लोगों की काउंसेलिंग हुई.
21 पीड़ितों को किया गया रेफर
नशामुक्ति केंद्र पर भरती हुए कई मरीजों के मरणासन्न होने की स्थिति में कई लोगों को पटना स्थित केंद्र के लिए रेफर करना पड़ा. 21 पीड़ित मरीजों को पटना भेजा जा चुका है. व्यवस्थापक का मानना है कि नशे के चलते ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनके शरीर के कई अंग कुप्रभावित हो गये हैंं. इनका स्थानीय केंद्र पर अब इलाज संभव नहीं हो पा रहा है. ऐसे लोगों को उपचार के लिए भेजा गया.
वर्ष भर में 482 मरीज पहुंचे ओपीडी
पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के बाद हालात ये रहे कि हर दिन शराब नहीं मिलने से परेशान काफी संख्या में मरीजों ने यहां आना शुरू कर दिया. नशामुक्ति केंद्र पर तैनात चिकित्सकों की सलाह पर उन्हें नशे से निजात दिलाने के लिए विभिन्न तरह की दवाएं दी गयीं, जिसकी बदौलत यहां आये 482 लोगों में से अधिकांश को राहत मिली.
वर्ष में 146 मरीज हुए भरती
नशामुक्ति केंद्र को सभी आवश्यक सुविधाओं से लैस किया गया है. वातानुकूलित यहां के भरती वार्ड में मरीजों को भोजन व नाश्ते का नि:शुल्क प्रबंध है. केंद्र की स्थापना के बाद अब तक यहां 146 मरीजों को भरती किया जा चुका है. इनका नियमित इलाज के बाद नशे संबंधित शिकायतों से छुटकारा दिलाने में कामयाबी मिली है.
सैकड़ों लोगों को मिला है लाभ
केंद्र पर प्रभावित लोगों के इलाज व काउंसेलिंग के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किये गये हैं. इसका सैकड़ों लोगों को लाभ मिला है. केंद्र अपने मकसद में लगातार सफल साबित हो रहा है.
रामदेव दास, प्रभारी, नशामुक्ति केंद्र, सीवान

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