महाराजगंज : प्रखंड क्षेत्र में 166 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिसमें मात्र 31 केंद्रों का भवन है. वहीं, 135 केंद्रों का अपना भवन नहीं है. इसे प्रशासन द्वारा भवन निर्माण का कार्य करने की कवायद कर दी गयी है. यह भवन अलग-अलग पंचायतों में बनेगा. इसके लिए विभागीय स्तर पर भूमि उपलब्ध कराने को लेकर कार्य हो रहा है.
भूमि उपलब्धता की जिम्मेवारी अंचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी और आइसीडीएस को है. वहीं, भवन निर्माण का कार्य मनरेगा तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के आइसीडीएस योजना को करना है. भूमि उपलब्धता की एनओसी विभाग को उपलब्ध कराना है. पर, अब तक इसका पूर्ण रूप से चयन नहीं हो पाया है. हालांकि विभाग इस कार्य में लगा हुआ है. अंचल कार्यालय की लापरवाही के कारण आइसीडीएस कार्यालय को जमीन उपलब्ध कराने में विलंब किया जा रहा है. एक आंगनबाड़ी केंद्र के भवन निर्माण पर 7.26 लाख रुपये खर्च होंगे. सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए जमीन का खाता खेसरा आंगनबाड़ी केंद्र संचालकों से अंचल कार्यालय एकत्रित कर रहा है.
किराये के भवन में चलते हैं केंद्र : भवनहीन आंगनबाड़ी केंद्र किराये के मकान में चलते हैं. इन केंद्रों के लिए अभी भी भूमि की खोज की जा रही है, ताकि इन केंद्रों का भी भवन शीघ्र ही बन सके. शहरी क्षेत्रों में भी आंगनबाड़ी केंद्र का अपना भवन नहीं है. इसके पीछे भूमि की अनुपलब्धता है. विभागीय अधिकारी बताते हैं कि शहर में कहीं भी भूमि उपलब्ध नहीं हो पा रही है, जिसके कारण परेशानी बनी हुई है. ये केंद्र भी किराये पर ही चलते हैं.
संसाधनविहीन हैं केंद्र : प्रखंड में आंगनबाड़ी केंद्र काफी संसाधनहीन हैं. इन केंद्रों पर तीन साल तक के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा दी जाती है. पर इन बच्चों को बैठने के लिए यहां कोई साधन नहीं रहता.
भीषण ठंड हो या गरमी, ये हर मौसम में जमीन पर बैठने को विवश होते हैं. केंद्र में बैठने के लिए ये बच्चे घर से बोरी या चट लाते हैं. अन्यथा आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका ही इन्हें बैठने का साधन उपलब्ध करा पाती हैं.
शीघ्र होगा भवन का निर्माण
कार्य प्रोसेस में है. भूमि का चयन अब तक नहीं हो पाया है. ऐसे में भूमि चयन को लेकर अभी कार्य हो रहा है. भूमि का चयन होते ही भवन निर्माण का कार्य शुरू होगा.
बसंत कुमार
कार्यपालक पदाधिकारी, बालविकास परियोजना विभाग, महाराजगंज