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पठन-पाठन सामग्री का भी हुआ वितरण विशेष अभियान में महज 25 पुरुषों की हुई नसबंदी

सीवान : जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत 28 नवंबर से 04 दिसंबर तक विशेष पुरुष नसबंदी सप्ताह का आयोजन किया गया. इस विशेष अभियान में स्वास्थ्य विभाग को कोई विशेष सफलता नहीं मिली. 28 नवंबर से लेकर 04 दिसंबर के बीच जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में मात्र 25 पुरुषों की ही नसबंदी […]

सीवान : जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत 28 नवंबर से 04 दिसंबर तक विशेष पुरुष नसबंदी सप्ताह का आयोजन किया गया. इस विशेष अभियान में स्वास्थ्य विभाग को कोई विशेष सफलता नहीं मिली. 28 नवंबर से लेकर 04 दिसंबर के बीच जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में मात्र 25 पुरुषों की ही नसबंदी हो सकी.

जिले में कुल 16 प्राथमिक, 03 रेफरल, एक अनुमंडलीय तथा एक सदर अस्पताल में पुरुष नसबंदी की व्यवस्था विभाग की ओर से की गयी थी. लेकिन, इसमें से मात्र एक रेफरल तथा 06 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों ने ही इस अभियान को सफल बनाने का प्रयास किया. 28 नवंबर से 04 दिसंबर के बीच बसंतपुर पीएचसी में 06, दरौली में 02, गोरेयाकोठी में 01, गुठनी में 05, लकड़ीनबीगंज में 02, मैरवा रेफरल अस्पताल में 03 तथा पचरुखी, पीएचसी में 06 पुरुषों का नसबंदी किया गया. सीवान सदर अस्पताल, महाराजगंज अनुमंडलीय अस्पताल, सिसवन रेफरल अस्पताल, रघुनाथपुर रेफरल अस्पताल सहित 10 पीएचसी द्वारा इस अभियान में कोई सहयोग नहीं किया गया.

विभाग के पास बहाना, पुरुष नहीं आते नसबंदी कराने : वहीं, दूसरी ओर लोगों को आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के पास कार्यक्रम सफल नहीं होने के पीछे मात्र एक बहाना है कि पुरुष नहीं आते हैं नसबंदी कराने. विभाग के अधिकारियों की बात अगर हम सच भी मान लें, तो ऐसी बात नहीं है कि महिलाओं के बंध्याकरण का लक्ष्य विभाग ने प्राप्त कर लिया है. किसी भी साल विभाग महिलाओं के बंध्याकरण के लक्ष्य के करीब भी नहीं पहुंच पाता है. इस साल करीब 35 हजार महिलाओं के बंध्याकरण करने का लक्ष्य है. इसके विरुद्ध मात्र अभी तक करीब चार हजार के करीब ही पूरे जिले में महिलाओं के बंध्याकरण हुए हैं.
राष्ट्रीय कार्यक्रम परिवार नियोजन के तहत महिलाओं के बंध्याकरण के लिए कई प्राथमिक अस्पतालों में ऑपरेशन की व्यवस्था तक नहीं है. बंध्याकरण कराने अस्पताल आनेवाली महिलाओं को इधर-उधर भटकना पड़ता है. जिन महिलाओं का बंध्याकरण होता है, उन्हें सरकारी अस्पतालों से पर्याप्त दवा या जांच कराने की सुविधा भी नहीं मिलती है.
उम्मीद के अनुसार नहीं मिली अभियान में सफलता
28 नवंबर से 04 दिसंबर तक चलने वाले विशेष पुरुष नसबंदी सप्ताह के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया था. लेकिन इस दौरान 25 पुरुषों का ही नसबंदी हो सका.
डॉ नवल किशोर प्रसाद, एसीएमओ, सीवान

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