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सेविकाओं को किया गया हाइटेक

सीवान : गर्भवती महिलाओं पर अब समाज कल्याण विभाग द्वारा अंतर व्यक्तिक संवाद (आइपीसी) मोबाइल कुंजी के द्वारा नजर रखी जायेगी. इसके लिए सेविकाओं को प्रशिक्षित करने का कार्य पूरा हो चुका है. इनके द्वारा अक्तूबर से योजना के तहत कार्य शुरू कर दिया जायेगा. इसके लिए आइसीडीएस द्वारा सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षक तथा आंगनबाड़ी सेविकाओं […]

सीवान : गर्भवती महिलाओं पर अब समाज कल्याण विभाग द्वारा अंतर व्यक्तिक संवाद (आइपीसी) मोबाइल कुंजी के द्वारा नजर रखी जायेगी. इसके लिए सेविकाओं को प्रशिक्षित करने का कार्य पूरा हो चुका है. इनके द्वारा अक्तूबर से योजना के तहत कार्य शुरू कर दिया जायेगा. इसके लिए आइसीडीएस द्वारा सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षक तथा आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है.
घर-घर जाकर आंगनबाड़ी सेविकाएं शिशुवती माताओं से उनकी गर्भावस्था से दो वर्ष तक के बच्चे की उम्र तक उनकी बेहतर देखभाल, बीमारी से बचाव आदि की जानकारी आइपीसी मोबाइल कुंजी के माध्यम से देंगी. बिहार सरकार की तरफ से शिशुवती एवं गर्भवती को बेहतर देखभाल, पोषण आदि की जानकारी देकर गर्भवती महिलाओं एवं माताओं एवं बच्चों की जिंदगी बेहतर की जा सकेगी. इसकी मदद से लोगों को अपनी बात बेहतर तरीके से समझाने में और उनके सवालों के जवाब देने में आसानी होगी. यह सुविधा ऑडियो विजुअल रूप में लाभुकों को मोबाइल के माध्यम से नि:शुल्क मिलेगी. आइपीसी मोबाइल कुंजी दो चीजों से मिल कर बनी है. इसमें मुफ्त मोबाइल सेवा तथा दूसरी कार्ड की गड्डी है.
ऐसे होगा मोबाइल कुंजी का प्रयोग : आंगनबाड़ी सेविका द्वारा अपने मोबाइल फोन से 5771101 पर कॉल करने के साथ-साथ महिला रजिस्टर्ड सेविका कॉल करके लाभुक महिला का नाम, प्रखंड का नाम, जिला पंचायत का नाम और काम के बारे में पूछेंगी. इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होगी तथा मुफ्त सेवा मिलेगी.
सेविकाएं ऑडियो विजुअल सामग्री के माध्यम से शिशुवती एवं गर्भवती महिलाओं को उन्हें सभी आवश्यक जानकारियां उपलब्ध करायेंगी. इस मोबाइल कुंजी में 50 कार्ड है. जरूरतमंद महिला को जिस सुविधा की जरूरत होगी, उसी कलर का कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा.
ये मिलेंगी जानकारियां : जन्म की तैयारी, नवजात शिशु की देखभाल, प्रसव के बाद देखभाल एवं खतरे के लक्षण, परिवार नियोजन, टीकाकरण, छह माह तक केवल स्तनपान, छह माह से बड़े शिशु का ऊपरी आहार, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, बीमारी से बचाव एवं इलाज, सही विकास एवं पोषण.
घर-घर जायेंगी सेविकाएं
योजना को लागू करने के लिए प्रशिक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है. अक्तूबर से आइपीसी कुंजी के माध्यम से सेविकाएं घर-घर जायेंगी. माताओं एवं शिशुओं को इसका लाभ देकर शिशुवती माताओं एवं शिशुओं की मृत्यु दर एवं कुपोषण में कमी लायी जायेगी.
डाॅ राजकुमार यादव, डीपीओ आइसीडीएस, सीवान

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