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पीएचसी में दवाओं का अभाव, मरीज परेशान

आपातकाल में भी बैंडेज बाहर से खरीद कर ले जाते हैं पीएचसी में मरीज महाराजगंज पीएचसी में नहीं है महिला डॉक्टर महाराजगंज : राज्य सरकार एक तरफ प्रखंड के पीएचसी में मरीज को सभी सुविधा उपलब्ध कराने की दावा करती है, लेकिन महाराजगंज में सरकार का दावा फिसड्डी दिख रहा है. गरीब का नि:शुल्क बेहतर […]

आपातकाल में भी बैंडेज बाहर से खरीद कर ले जाते हैं पीएचसी में मरीज

महाराजगंज पीएचसी में नहीं है महिला डॉक्टर

महाराजगंज : राज्य सरकार एक तरफ प्रखंड के पीएचसी में मरीज को सभी सुविधा उपलब्ध कराने की दावा करती है, लेकिन महाराजगंज में सरकार का दावा फिसड्डी दिख रहा है. गरीब का नि:शुल्क बेहतर इलाज हो, इसके लिए पर्याप्त दवाओं व डॉक्टर का होना आवश्यक है. अस्पताल में साफ-सफार्इ का होना भी आवश्यक है. शौचालय की पूर्ण व्यवस्था रहनी चाहिए. लेकिन, महाराजगंज पीएचसी में बेहतर स्वास्थ्य सेवा की बात करना बेमानी कही जायेगी. पीएचसी में छह पुरुष डॉक्टर हैं, पर एक भी महिला डॉक्टर की नियुक्ति नहीं है. इस कारण महिलाओं के साधारण रोग में भी सीवान-छपरा व अन्य बाहर के अस्पताल में महंगे इलाज के लिए ले जाना पड़ता है. गरीब मरीज को खर्च का भारी बोझ उठाना पड़ता है.

मरीज के जीवन की रक्षा के लिए दवाओं का भी घोर अभाव दिख रहा है. यहां तक कि अापातकाल में सड़क दुर्घटना होने पर बाहर की दुकान से बैंडेज खरीद कर लाना पड़ता है. गरमी का मौसम है. बावजूद ओआरएस की कमी है. मरीज के लिए लगाये गये बेड पर चादर प्रतिदिन बदल कर लगाना है. मगर बिना चादर के ही मरीज बेड पर रह कर इलाज कराते हैं.

साफ-सफाई की कमी : संक्रामक बीमारी से बचने के लिए एंटी बैक्टिरियल लिक्विड से फर्श की सफाई करनी है. अस्पताल के आसपास भी साफ-सफाई का ख्याल रखना है. मगर, अस्पताल के फर्श की कौन कहे, इधर-उधर भी साफ-सफाई का अभाव सरेआम दिख रहा है. पूरे प्रखंड में गंदे स्थानो पर ब्लीचिंग पाउडर डाल कर संक्रमण रोकने का प्रयास स्वास्थ्य विभाग को करना है. मगर, अस्पताल परिसर में ही संक्रमण हटाने के लिए ब्लीचिंग पाउडर का प्रयोग नदारद रहता है.

शौचालय की खलती है कमी : पीएचसी में अर्धनिर्मित शौचालय की संख्या भी अच्छी खासी है. लेकिन पूर्ण निर्माण नहीं होने से मरीज को बाहर के शौचालय का प्रयोग करना पड़ता है. अर्ध निर्मित शौचालय के ईद-गिर्द गंदगी का अंबार लगा हुआ है.

दवाओं का अभाव : पीएचसी में लगभग 116 प्रकार की दवाएं रखनी हैं. मगर हाल फिलहाल में 16 प्रकार की ही दवाएं उपलब्ध हैं.

दवाओं के नाम

एमौक्सिसिलीन कैप्सूल,

कोट्रिमाजोल 400-800

डाइक्लोफेनिक टैबलेट

एसीक्लोफेनिक टैबलेट

पारासिटामोल टैबलेट

बी-काॅम्प्लेक्स

मेट्रोजिल टैबलेट

मेट्रोक्लोपारामिड टैबलेट.

फुलकोनाजोल टैबलेट,

सीफिक्सिन सीरप (बच्चों के लिए)

ओफलौक्सासिलिन ओरिंडाजाल सीरप ( बच्चों के लिए)

माइक्रोजोल क्रीम

प्रोवाइडिन क्रीम

सिलवरेक्स क्रीम

क्या कहते हैं पीएचसी के प्रभारी

अस्पताल में महिला डॉक्टर के लिए विभाग को लिखा गया है. जितनी दवाएं जिले से प्राप्त होती हैं, उसका वितरण सही सलामत किया जाता है. साफ-सफाई की जिम्मेवारी स्वास्थ्य प्रबंधक की है. फिर भी उपलब्ध संसाधन से साफ-सफाई की जाती है. डॉक्टर जितने भी नियुक्त हैं, रोस्टर के हिसाब से काम करते हैं. भाड़े के वाहन को जहां तक अस्पताल परिसर में लगाने की बात है, उन्हें नहीं लगाने की हिदायत दी गयी है. नहीं मानने पर कानून का रास्ता दिखाया जायेगा.

डॉ एसएस कुमार, प्रभारी चिकित्सक, महाराजगंज

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