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65 हजार छात्रों का भविष्य अधर में !
सीवान : शिक्षा विभाग की गलत नीति के कारण वर्ग नौ में अध्ययनरत 65 हजार छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है. विभाग के पूर्व के निर्देश के बाद मूल्यांकन परीक्षा में शामिल होनेवालें छात्र ही मैट्रिक की परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. बाद में इस परीक्षा को स्थगित कर दिये जाने से छात्र उहापोह […]
सीवान : शिक्षा विभाग की गलत नीति के कारण वर्ग नौ में अध्ययनरत 65 हजार छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है. विभाग के पूर्व के निर्देश के बाद मूल्यांकन परीक्षा में शामिल होनेवालें छात्र ही मैट्रिक की परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. बाद में इस परीक्षा को स्थगित कर दिये जाने से छात्र उहापोह की स्थिति में हैं.
उचित मार्गदर्शन नहीं मिलने के कारण और विभाग द्वारा कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नही जारी किये जाने के कारण छात्र और अभिभावक दोनों परेशान हैं. इधर, माध्यमिक शिक्षक संघ इकाई, सीवान के अध्यक्ष बागिंद्र नाथ पाठक व सचिव दिनेश चंद्र सिंह ने विभाग के इस कदम को तुगलकी फरमान बताते हुए कड़े शब्दों में निंदा की है. साथ ही छात्रों के हित में सकारात्मक कदम उठाने की मांग की है. अध्यक्ष श्री पाठक ने कहा कि सबसे हास्यास्पद बात यह है कि परीक्षा निरस्त होने से पूर्व कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा छपवायी गयी जल्दीबाजी में प्रश्न पत्र की प्रतियों को कुछ प्रधानाध्यापकों के हाथों नकद लेकर बेचा गया. वहीं, शासकीय पत्र में इसका काई जिक्र नहीं था.
विभाग के इस क्रियाकलाप से जहां प्रश्नपत्रों की गोपनीयता पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया, वहीं बाजारू माल बन कर रह गया. इस संबंध में डीपीओ आरएमएसए अखिलेश्वर प्रसाद ने बताया कि विभाग को मुफ्त में प्रश्न पत्र देने का निर्देश प्राप्त नहीं था. हमें सिर्फ छपाई करनेवाले प्रेस को अधिकृत करना था. जहां से प्रधानाध्यापकों को भुगतान कर प्रश्नपत्र लेना था.
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