सीवान : जिले के नौ प्रधानाध्यापकों का डिमोशन करते हुए उन्हें उनके मूल विद्यालय में सहायक शिक्षक बनाते हुए उनकी सेवा मूल स्कूल में लौटा दी गयी है. ये सभी शिक्षक उत्तर प्रदेश के मूल निवासी होते हुए आरक्षण का लाभ प्राप्त कर प्रधानाध्यापक के पद पर प्रमोशन पा लिये थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव द्वारा जिले के अनुसूचित जाति के नौ शिक्षकों का डिमोशन कर दिया है.
शिक्षा विभाग ने विभागीय प्रोन्नति की अनुशंसा एवं सरकार के आदेश के आलोक में राज्य स्तरीय वरीयत सूची में सहायक शिक्षक को छह माह के लिए प्रधानाध्यापक के पद पर वेतनमान 7500-250-12000 में प्रोन्नत किया था. इधर, दूसरी ओर आदेश के निर्गत होने के उपरांत अनुसूचित जाति शिक्षक संघ सारण प्रमंडल के शिक्षकों द्वारा आवेदन के माध्यम से यह बताया कि प्रोन्नति प्राप्त अनुसूचित जाति के कुछ एचएम बिहार के मूल निवासी नहीं हैं.
इसलिए जो बिहार के मूल निवासी नहीं है, उन्हें बिहार अधिनियम 15/03 दिनांक 11 जून 1996 के तहत राज्याधीन सेवा में आरक्षण का लाभ देय नहीं होगा. इस आदेश के बाद राज्य के बाहर से आये सारण प्रमंडल के 21 एवं राज्य के 63 अनुसूचित जाति के नव प्रोन्नत प्रधानाध्यापक को विभागीय आदेश संख्या 6238- 6299 को रद्द कर दिया गया है.
जिले के जिन नौ शिक्षकों का डिमोशन किया गया है उनमें बाबा बालक नाथ उच्च विद्यालय के राम प्रसाद, अयोध्या अग्रवाल सनातन धर्म उच्च विद्यालय बड़का गांव के केश्वर प्रसाद, श्याम लाल जैन उच्च विद्यालय दरौली के राम नंद प्रसाद, गौरी शंकर उच्च विद्यालय उजाय के वृंदा लाल प्रसाद, लोक मान्य तिलक उच्च विद्यालय गुठनी के महंथ प्रसाद, कबीर मुनीश्वर बालक उच्च विद्यालय धनवंती मठ के पृथ्वी पाल, उच्च विद्यालय हड़सर धनौती के बिजुली,स्वामी कर्मदेव यमुना राम उच्च विद्यालय महाराजगंज के मैनेजर प्रसाद व धज्जू सिंह उच्च विद्यालय भरथुई गढ़ छांगुर प्रसाद शामिल हैं.