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क्रॉस लिस्ट देख मिली थी अपार खुशी

मैट्रिक के रिजल्ट की खुशी भूल नहीं पाता हूं. वर्ष 1993 में सासाराम के बाल भारती पब्लिक स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा 80 फीसदी के अंक से उत्तीर्ण किया. नंबर देख अपार खुशी हुई थी. विद्यालय में आये क्रॉस लिस्ट से ही सभी विषयों के अंकों की जानकारी मिली. रिजल्ट ने हमें आगे की पढ़ाई […]

मैट्रिक के रिजल्ट की खुशी भूल नहीं पाता हूं. वर्ष 1993 में सासाराम के बाल भारती पब्लिक स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा 80 फीसदी के अंक से उत्तीर्ण किया. नंबर देख अपार खुशी हुई थी. विद्यालय में आये क्रॉस लिस्ट से ही सभी विषयों के अंकों की जानकारी मिली. रिजल्ट ने हमें आगे की पढ़ाई को और बेहतर ढंग से करने का उत्साह व ऊर्जा दिया. मैट्रिक का रिजल्ट हर छात्र के लिए कैरियर की शुरुआत का टर्निंग प्वाइंट होता है. फोटो-20-संजय कुमार सिंह,डीएमसीवान ट्रेन में यात्रा के दौरान मिली थी रिजल्ट की जानकारीजब ट्रेन से सफर कर था. उसी समय हमें आइसीएसइ के रिजल्ट आने की सूचना मिली. वर्ष 1995 में इंटरनेट की सुविधा आज की तरह नहीं थी. स्कूल जाकर जब मैंने नोटिस बोर्ड पर अपना रिजल्ट देखा, तो काफी प्रसन्नता हुई. उस पल को याद कर अपार खुशी मिलती है. उसे सिर्फ अनुभव किया जा सकता है. मैट्रिक पास होने के बाद बचपन छोड़ कर व्यक्ति जिम्मेवारी की तरफ आगे बढ़ता है. पटना के डॉनबास्को से आइसीएसइ बोर्ड से 85 प्रतिशत अंकों के साथ दसवीं की परीक्षा उर्तीण की थी.फोटो-21-विकास वर्मन,एसपीसीवान

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