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गरमी से आम जनजीवन से लेकर पशु तक बेहाल

आग उगलते सूरज के ताप से हर कोई बेहाल है.लगातार चिलचिलाती धूप से अब लोगों की सेहत पर भी इसका असर दिखने लगा है. मौसमी बीमारियां लोगों की सेहत खराब कर रही हैं, तो पशु भी अब काल के गाल में समा रहे हैं. मौसम की मार लगातार पिछले एक पखवारे से जारी है.आम लोगों […]

आग उगलते सूरज के ताप से हर कोई बेहाल है.लगातार चिलचिलाती धूप से अब लोगों की सेहत पर भी इसका असर दिखने लगा है. मौसमी बीमारियां लोगों की सेहत खराब कर रही हैं, तो पशु भी अब काल के गाल में समा रहे हैं.
मौसम की मार लगातार पिछले एक पखवारे से जारी है.आम लोगों में चर्चा इस बात की है कि अगर गरमी के शुरुआत में ही यह हालात है तो जून माह में हालात और विकराल होंगे.एक तरफ शादी व लगन के मौसम में भी लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इधर, बिजली रानी लोगों को खूब रुला रही है.
सीवान : मौसम की मार से लोग परेशान हैं. प्रचंड गरमी से लू लगने की शिकायत सबसे अधिक मिल रही है. इसके अलावा डायरिया, त्वचा संबंधित बीमारी, रक्तचाप में वृद्धि, उलटी-दस्त, बेहोशी की शिकायतें सामने आ रही हैं. इस संबंध में सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ संजय कुमार सिंह कहते हैं कि पिछले एक सप्ताह से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है.
गरमी से बचाव कर इन बीमारियों से बचा जा सकता है. मौसम में अधिक से पेयजल का सेवन तथा द्रव्य खाद्य पदार्थ का सेवन करें.तैलीय व मसाला युक्त भोजन से परहेज करना श्रेयस्कर होगा.कड़ी धूप से निकलने से बचें.जरूरी कार्यवश निकलने पर शरीर का अधिकतर हिस्सा ढंके रहे तथा सूती कपड़ों का इस्तेमाल करें.
मौसम से पशु भी हो रहे बेजार : मौसम की मार पशुओं पर भी देखने को मिल रही है. हाल के दिनों में प्रचंड गरमी से पशु बीमार पड़ रहे हैं, तो बड़ी संख्या में पशुओं की मौत हो चुकी है.
इसमें विशेष कर लू लगने से पशुओं के पीड़ित होनेवालों की संख्या अधिक है. इससे बुखार,निमोनिया, डायरिया,रेड वाटर डिजीज आदि से पशु पीड़ित हो रहे हैं. इसके कारण बड़े पैमाने पर दुधारू पशुओं में गर्भपात की शिकायत सामने आ रही है. बानगी के तौर पर कहें तो अब तक मैरवा प्रखंड के अटवां में मुंशी यादव,मैनेजर पटेल,जीरादेई प्रखंड के नंदलाल सिंह,मनन तिवारी,रामाकांत यादव,भरौली गांव के रामवदन गिरि के पशुओं की मौत हो चुकी है.
राहत के लिए सावधानी है जरूरी : जिला पशु पालन पदाधिकारी डॉ धीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि लू से बचाव के लिए पशुओं को छायादार जगह में रखना चाहिए. खुले स्थान पर स्थित चरागाह में पशुओं को न ले जायें. समय-समय पर पीने के लिए पानी व इलेक्ट्रॉल पाउडर दिया जाये. लीवर की दवा पशुपालक अवश्य दें. किसी भी तरह की शिकायत होने पर नजदीकी चिकित्सक से अवश्य सलाह लें.

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